एंटरप्रेन्योरशिप : स्वरोजगार करते हुए दूसरों को रोजगार देने की राह

डॉ. संदीप भट्ट
गूगल, फेसबुक, ओयो, स्नैपचैट, रेडिट नाम दुनियाभर में जाने पहचाने हैं। इसी तरह फ्लिपकार्ट, यात्रा डॉट कॉम, फूड किंग कैटरिंग, चाय सुट्टा बार जैसे नाम लोगों की जुबान पर छाये रहते हैं। ये सभी नाम आज ग्लोबल मार्केट में दिग्गज ब्रांड हैं। इन सभी में बहुत सी बातें कामन हैं। इन सभी कंपनियों की शुरुआत युवाओं के जोश, जुनून और जज्बे से हुई। इनमें से कई कंपनियां स्टूडेंट स्टार्टअप के बतौर शुरू हुई। कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए दोस्तों के साथ यू ही कुछ नया और खुद का काम करने की चाह लिए नौजवानों ने थोड़ी सी जमापूंजी से शुरूआत की। लगातार इनोवेटिव आइडिया पर आगे बढ़ने और क्रिएटिव मार्केटिंग के जरिए ये कंपनियां आज अपनी फिल्‍ड में टॉप पर हैं।

दरअसल इनमें से ज्यादातर कंपनियों को स्थापित करने वाले लोगों ने नौकरियों के बजाए खुद का काम करने को प्राथमिकता दी। वे अपने कॉलेज के दिनों से ही जॉब सीकर नहीं बल्कि एंटरप्रेन्योर या उद्यमी बनना चाहते थे। उन्होंने खुद के लिए एक ऐसा रास्ता चुना जिसमें हाई रिस्क तो था लेकिन आश्चर्यजनक सफलता भी शामिल थी। आज स्टार्टअप और ई-कॉमर्स के दौर में बहुत से युवा एंटरप्रन्योरशिप की तरफ जाना पसंद करते हैं। उन्हें आजादी के साथ खुद का कुछ काम करना नौकरी के बजाय ज्यादा अच्छा लगता है। वे खुद के लिए एक अलग सा करियर पाथ बनाते हैं। तो जानते हैं कि अगर एंटरप्रन्योरशिप की दुनिया में सक्‍सेस चाहिए तो कैसे शुरुआत करें।

एंटरप्रन्योर्स में ऐसी कुछ खास बाते होती हैं जो उन्हें अलग बनाती हैं।वे खुद का काम करना चाहते हैं। वे खूब पढ़ाई-लिखाई कर अच्छी डीग्री भी हासिल करते हैं, लेकिन किसी और की नौकरी करना उन्हें पसंद नहीं होता। वे रिस्क की समझ रखते हैं उन्हें सक्सेस के फंडे भी बेहतर तरीके से समझ आते हैं। वे शॉर्टकट के बजाय लॉन्‍ग टर्म फायदे को देखने वाली पारखी नजर रखते हैं।

क्या आपने बोलांट इंडस्ट्रीज के सीईओ श्रीकांत का नाम सुना है। श्रीकांत दक्षिण भारत के हैदराबाद में रहते हैं और जन्म से ही नेत्रहीन हैं। बचपन में विज्ञान विषय पढ़ने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी और बाद में अमेरिका से उच्च शिक्षा हासिल कर खुद की कंपनी खड़ी कर दी। आज 50 करोड़ लागत वाली उनकी कंपनी शारीरिक रूप से चुनौतियों का सामना कर रहे और अनपढ़ लोगों को रोजगार देती है। श्रीकांत ने अपने हौसले को बनाए रखा। आंखों की रोशनी न होने पर भी सपने देखे और बेमिसाल एंटरप्रेन्योर बने।

*एंटरप्रन्योरशिप में हाई रिस्क के साथ हाई लेवल की सक्सेस भी है।

*अपना लक्ष्य तय कर प्रभावी रणनीति बनाकर एंटरप्रन्योर आगे बढ़ सकते हैं

*सफलता के झंडे गाड़ने के लिए इनोवेटिव सोच और टीम मेकर होना जरूरी है।

*क्रिएटिव रहने के लिए अपने आसपास के बारीक से बारीक बदलावों पर हमेशा नजर रखें।


 2007 में आईआईटी के सचिन और बिन्नी बंसल नाम के दो दोस्तों ने किसी एक ई-कॉमर्स कंपनी में नौकरी करते हुए खुद का काम करने की सोची। दो नौकरी करने वाले युवाओं ने एंटरप्रेन्योर बन गए और इस तरह फ्लिपकार्ट की नींव डली। बाकी सब इतिहास है। डेढ़ दशक पहले महज 4 लाख के निवेश से बनी फ्लिपकार्ट आज 1 लाख 30 हजार करोड़ की कंपनी है। किराये पर बजट होटल, रूम्स उपलब्ध कराने वाले ओयो का नाम कौन नहीं जानता। इसके फाउंडर और सीईओ रितेश अग्रवाल की सक्सेस स्टोरी न सिर्फ दिलचस्प है बल्कि एंटरप्रन्योरशिप करने वालों के लिए बहुत प्रेरक भी है। 22 साल की उम्र में लोग करियर की दिशा तलाशना शुरू करते हैं वहीं ओयो के मुखिया रितेश छोटी सी उम्र में अरबपति बन चुके थे। उन्होंने खुद के लिए काम करने की राह चुनी और दुनिया में अपने बिजनेस का डंका बजवा रहे हैं।

टॉप सक्सेस एंटरप्रेन्योर की कहानियां बहुत ही इंस्पायरिंग हैं। इनमें सक्सेज की उम्मीदें हैं तो हर किसी के भीतर एंटरप्रन्योरशिप की योग्यता, रिस्क लेने की जिद और जुनून के जज्बात भी हैं। इन दिनों दुनियाभर में युवा नौकरियों के बजाए खुद के लिए काम करने को तवज्जो दे रहे हैं।

आज का युवा रिस्क लेकर काम करना चाहता है। युवा खुद के दम पर अपार सफलता चाहते हैं। ऐसे में एंटरप्रन्योरशिप उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। लेकिन अगर आप खुद के उद्यम को सफल बनाना चाहते हैं तो बेहतर है कि उस पर अच्छे से रिसर्च करें। पढ़ाई के दौरान ही अपने र्स्टाटअप के लिए जरूरी कुछ बुनियादी सबक सीखें। इंटर्नशिप करें तो ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि जो भी आप करना चाहते है उसके लिए वर्क एनवायरमेंटर, एक्सपीरियंस कहीं किसी संस्था में रहते हए ही मिल सकता है। अब पिछले दो सालों से कोविड की महामारी से जूझती दुनिया में अनेक नए बदलाव आए हैं। बदले माहौल में एंटरप्रन्योर्स के लिए बहुत से अवसर भी आए हैं।

खुद का काम करने के लिए नए आइडिया से शुरुआत करें। अपने परिवेश को समझते हुए स्वयं का आकलन करें। गहराई से सोचते हुए रणनीति तैयार करें। एक छोटी सी टीम बनाएं। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए आपका प्लान प्रभावी होना चाहिए। अगर खुद के निवेश से शुरुआत कर रहें हैं तो भी अपने आइडिया का एक प्रेजेंटेशन तैयार करें। टीम से शेयर करते हुए अपने आब्जेक्ट्विस को स्पष्टता के साथ तय करें। कड़ी मेहनत और ईमानदारी से अपनी अलग ब्रांड आडेंटिटी बनाएं। मार्केट में अपनी क्रेडिबिलिटी के प्रति सदैव सचेत रहें। याद रखें कि आपका हर एक काम, क्लाइंट या उपभोक्ता आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। खुद को और अपनी पूरी टीम को अपडेट करते रहें। माहौल में आने वाले हर बदलाव पर नजर रखना एक अच्छे एंटरप्रेन्योर के लिए बेहतर होता है। खुद को और अपनी पूरी टीम को अपडेट करते रहें। माहौल में आने वाले हर बदलाव पर नजर रखना एक अच्छे एंटरप्रेन्योर के लिए बेहतर होता है।

एक अध्ययन बताता है कि ज्यादातर एंटरप्रन्योरशिप में आने वाले लोग युवा ही होते हैं। इसलिए अगर आपके भीतर स्वरोजगार की राह अपनाते हुए दूसरों को नौकरियां देने की चाह है तो एंटरप्रन्योरशिप की राह पर बढ़ते हुए आप भी अपनी सक्सेस स्टोरी लिख सकते हैं।

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