Dharma Sangrah

सचिन को सूर्य ने बनाया विख्यात

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
ND
क्रिकेट की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर की उपलब्धियाँ किसी से छुपी नहीं हैं। आइए जानें क्या कहती है सचिन की कुंडली और कैसा रहेगा उनका भविष्य-

सचिन का जन्म पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में हुआ। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक मानी, सुखी और पुष्ट होता है। ये तीनों बातें सचिन में हैं। सूर्य उच्च राशि पर विराजमान है। जिस दिन सचिन का जन्म हुआ, सूर्य मेष राशि पर विराजित थे। इसके फलस्वरूप सचिन वर्तमान में लोकविख्यात हैं।

कुंडली में जिस स्थान पर चंद्रमा विराजमान हैं उसके प्रभाव के कारण राज्य और देश द्वारा सचिन को सम्मान प्राप्त होता है। इसकी स्थिति से ही सचिन हर जगह पुरस्कृत और सम्मानित होते हैं। सचिन की कुंडली में भौम की स्थिति भी सम्मानित स्थान दिलाती है। ऐसी स्थिति में विराजमान पृथ्वीपुत्र मंगल जातक को निम्न स्तर से उच्च की ओर ले जाता है और जनता तथा सरकार से मान-सम्मान दिलाता है। इसका प्रभाव सचिन को शुभ फल दे रहा है।

  ND
बुध के प्रभाव से ही हर जगह शत्रु पर विजय हासिल होती है। शुक्र जीवन को श्रेष्ठ बनाता है। इसके प्रभाव से गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है। श्रेष्ठ लोगों का सत्संग प्राप्त होता है। सचिन पर इसका प्रभाव स्पष्ट परिलक्षित होता है। दूसरी ओर राहु के कारण ही सचिन सद्‍गुणी हैं। केतु के प्रभाव से धन, भोग, ऐश्वर्य और तेज की वृद्धि सचिन को प्राप्त हुई है। परंतु हाथ में पीड़ा के योग बनते हैं। हमेशा भय की स्थिति रहती है।

सचिन का जन्म मंगलवार को शुक्र की महादशा में हुआ, जिसका भोग्यकाल 8 वर्ष 4 माह 25 दिन रहा। वर्तमान में सचिन को राहु की महादशा चल रही है, जो 18 वर्ष के लिए है। इसकी अवधि 19 सितंबर 2004 से 19 सितंबर 2022 तक रहेगी। राहु की महादशा में राहु की अंतरदशा 19 सितंबर 2004 से 1 जून 2007 तक थी। उसके बाद गुरु की अंतरदशा प्रारंभ हुई जो 25 अक्टूबर 2009 तक रहेगी। फिर शनि की अंतरदशा प्रारंभ होकर 1 सितंबर 2012 तक रहेगी। इसके बाद बुध की अंतरदशा प्रारंभ होगी जो 19 मार्च 2015 तक रहेगी।

इसके प्रभाव से इस वर्ष नेत्र पीड़ा और पारिवारिक विपदा का सामना करना पड़ सकता है और व्यर्थ खर्च होगा। अपने वालों का विरोध और मतभेद की स्थिति रहेगी। परंतु ‍चलित नाम के अनुसार आपके पक्ष में जनता का रुझान रहेगा, आरोग्यता बनी रहेगी और संकटों से मुक्ति मिलेगी। वर्ष निर्विवाद रहेगा। परिवार संबंधी अशांति के योग बनते हैं, सावधानी से कार्य करें और सभी का ध्यान रखें।

25 सितंबर 2009 से 25 सितंबर 2010 तक का समय सचिन के लिए संन्यास का योग बनाता है। यह समय बड़ी चुनौती वाला रहेगा। स्वतंत्र विचार और कर्म में दिक्कतें आएँगी।

शुभ कार्य में रुचि रखकर इष्टदेव की पूजा-अर्चना लाभप्रद रहेगी। अपने विशेष कार्य को गोपनीयता और सावधानीपूर्वक करें। गुरु-राहु-केतु के जप और पूजन से अनुकूल परिस्थिति बनी रहेगी एवं जीवन सुगम होगा। पन्ना और पुखराज का संयुक्त लॉकेट धारण करना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

शनि भारी होने पर संकट मोचन हनुमान स्तोत्र पढ़ने से ये होता है...

Mangal dosha: मंगल दोष वालों को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए?

Guru gochar 2025: बृहस्पति के मिथुन राशि में गोचर से 5 राशियों को रहना होगा संभलकर

Lal Kitab Tula rashi upay 2026: तुला राशि के जातकों के लिए लाल किताब के अचूक उपाय, राहु रोकेगा राह

Horoscope 2026: नया साल आपकी किस्मत कैसे बदलेगा? जानें महत्वपूर्ण मौके, चुनौतियां और उपाय (वार्षिक राशिफल 2026)

07 December Birthday: आपको 7 दिसंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 07 दिसंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

वर्ष 2026 कैसा रहेगा देश और दुनिया की 12 राशियों के लिए, सोना चांदी पर क्या होगा प्रभाव

Saptahik Rashifal 2025: साप्ताहिक राशिफल: 08 से 14 दिसंबर 2025, महासप्ताह का लेखा-जोखा

Pushya nakshatra: 8 दिसंबर को पुष्य नक्षत्र, जानिए इस दिन कौनसा उपाय करने से शनिदेव होंगे प्रसन्न

अगला लेख