जहीर खान : ज्येष्ठा ने बनाया ख्यात

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
ND

भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज जहीर खान का जन्म जिस दिन हुआ, उस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र था। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक ज्ञानी, विख्यात एवं धनवान होता है। यही प्रमाण है कि जहीर आज प्रसिद्धी की ओर हैं।

जहीर के जन्मदिन की चंद्र स्थिति जिस राशि पर थी उसके अनुसार जातक पूज्य स्थान पर होता है या विख्यात होता है। चंद्र कुंडली में जिस स्थान पर बैठा है, उसके अनुसार पराक्रम द्वारा धन की प्राप्ति होती है। मंगल की स्थिति के अनुसार जितना पराक्रम करता है, उसके अनुसार ऐश्वर्य प्राप्त नहीं होता। बुध का केंद्र में स्थित होना अन्य ग्रहों के कष्टों को खत्म करता है।

ऐसा जातक दूसरों के लिए कार्य करता है परंतु स्वयं के रोग (दु:ख) को नहीं मिटा पाता। बुध कन्या राशि में विद्यमान है। इसी के फलस्वरूप जहीर की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है। गुरु जिस स्थान पर विराजमान है उसके फलस्वरूप भी जातक के पास आर्थिक संपन्नता रहती है। वह बुद्धिमान होता है। परिवार की जिम्मेदारी विशेषकर पिता के भार को वहन करने में वह सक्षम रहता है। परोपकारी ज्यादा होता है ।

  जहीर का जन्म बुध की महादशा में हुआ। इसका भोग्यकाल 14 वर्ष 4 माह 28 दिन रहा अर्थात 5 मार्च 1993 तक बुध की महादशा रही। फिर केतु महादशा 5 मार्च 2000 तक रही और वर्तमान में शुक्र की महादशा चल रही है जो 5 मार्च 2000 से 5 मार्च 2020 तक चलेगी।      
कुंडली में जिस स्थान पर शनि बैठा है वह जातक को विदेश यात्रा करवाता है और प्रसन्न रखता है। आज जो स्थिति जहीर की है, वह शनि की प्रबलता की वजह से है। अत: जहीर ने शनि का दान अवश्य करना चाहिए। क्योंकि शनि कष्ट देता है। नीलम, तिल, उड़द तेल, कृष्ण वस्त्र, काला फूल, जूता, स्वर्ण- ये सभी वस्तुएँ कोढ़ी या शनि मंदिर में दान करना चाहिए। राहु की स्थिति के अनुसार दुश्मनों को पराजित करने की क्षमता रखता है। परंतु जहीर ने भावुकतावश किसी के कहने में नहीं आना चाहिए। क्योंकि इससे मु‍सीबत खड़ी हो सकती है। राहु ऐसे ही योग बना रहा है ।

जहीर का जन्म बुध की महादशा में हुआ। इसका भोग्यकाल 14 वर्ष 4 माह 28 दिन रहा अर्थात 5 मार्च 1993 तक बुध की महादशा रही। फिर केतु महादशा 5 मार्च 2000 तक रही और वर्तमान में शुक्र की महादशा चल रही है जो 5 मार्च 2000 से 5 मार्च 2020 तक चलेगी अर्थात 20 साल रहेगी। शुक्र महादशा में राहु की अंतरदशा 5 मई 2007 से 5 मई 2010 तक रहेगी। अत: कुंडली के अनुसार और वर्तमान स्थिति महादशा अनुसार जहीर ने राहु की शांति कराना चाहिए।

शुक्र महादशा में राहु की अंतरदशा चल रही है। राहु की अंतरदशा के अंतर्गत शनि की प्रत्यंतर दशा 11 मार्च 2008 से 2 सितंबर 2008 तक थी इसके बाद बुध की प्रत्यंतर दशा 5 दिसंबर 2009 तक रहेगी।

जहीर के लिए शुभ दिन बुधवार है और शुक्रवार भाग्यशाली है। मंगलवार को किसी गंभीर विषय पर चिंतन न करें। इस दिन पत्र व्यवहार भी नहीं करें। जहीर को हरा-सफेद-पीला रंग शुभ है। हीरा-पन्ना-मोती का संयु्क्त लॉकेट पहनें। अश्विनी माह की 1, 6 और 11 तिथि, शुक्रवार को लंबी यात्रा न करें और किसी उच्चाधिकारी से न मिलें। पहले प्रहर में और जिस दिन तुला का चंद्रमा हो उस दिन भी यह शुभ कार्य और लंबी यात्रा न करें। इति शुभम।

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