डांडिए में बिखरे परिधानों के रंग

Webdunia
ND
गुजरात की अनूठी संस्कृति जिसमें लोककला (गरबे) और हस्तकला (पोशाक) दोनों का समावेश है, वह नवरात्रि के त्योहार पर और भी मुखर हो उठती है। भले ही आज नवरात्रि में आधुनिकता का समावेश हो गया हो, किंतु गरबों की पारंपरिक पोशाकों में आज भी वही कच्छ-सौराष्ट्र की हस्तकला के रंग छलकते हैं आइए, जानें इनके प्रकार-

काँच व सादा भरत- पोशाक में सजे हुए काँच के कारण रात्रि के वक्त अत्यंत ही सुंदर नजारा बन जाता है। काँच का काम सौराष्ट्र की हस्तकला का अनूठा रूप है। इसके साथ लिए जाते हैं छोटे टाँके और चेन स्टिच।

आरी हस्तकला- चर्मकार के आरी नामक साधन (कॉब्लर्स निडल) से यह आरी भरत काफी आसानी से और जल्दी होता है। खासकर घाघरे में आरी भरत (भरी हुई कढ़ाई) अच्छी लगती है। यह भरत का वर्क मशीन द्वारा भी किया जा सकता है।

गरासिया जत- छोटे मुकेश व बारीक चेन स्टिच से की जाने वाली यह हस्तकला कच्छ ही नहीं, अपितु दुनियाभर में लोकप्रिय है। जत भरत, क्रॉस स्टिच से भी होती है, जो सघन होता है।

ढेबरिया- रबारी भरत यानी ढेबरिया सिर्फ फूलों के मोटिफ से बने और अनोखे ढंग से मुकेश के उपयोग से बनाए जाते हैं। ये सूती वस्त्रों पर अच्छे लगते हैं।

मुक्का- गोल्डन व सिल्वर जरी से बनी कजरी सूती, स्टोन वॉश और प्रिंटेड गहरे रंग के कपड़े पर काफी सुंदर लगती है।

भुतबा- बड़े आकार के मुकेश को सफाई से छोटे बनाकर ज्यामितीय आकृति देकर आउट लाइन से किया गया काम। यह हस्तकलायुक्त पोशाक पहनने वाले को अनोखा अहसास कराती है।

ND
मोती और रत्नों के रंग- मूलतः सौराष्ट्र का यह मोती वर्क सिर्फ पोशाक पर ही नहीं, बल्कि आभूषणों में भी इस्तेमाल किया जाता है। काँच देशी व जापानी मोतियों के वर्क से पोशाक बहुत सुंदर लगती है। यदि आपको गहरे रंग पसंद हैं तो अपने कुर्ते या साड़ी के लिए चुनिए रत्नों के शानदार शेड्स जैसे गारनेट-सा मैरुन या टोपाज-सा सुनहरा हल्के जामुनी, हरे और गहरे गुलाबी के शेड्स भी अच्छे लगेंगे। इन्हीं रंगों में शेडेड पोशाक भी चुन सकते हैं। प्लेन तो है ही। चाहें तो प्रिंट मटेरियल को भी चुन सकते हैं।

सिल्क है सदा के लिए- सिल्क की अहमियत सदाबहार है। इस बार क्रश्ड और रिंकल्ड (चुन्नाटदार बिना प्रेस किए) सिल्क की काफी माँग है। इस बार ज्यादा चमकीला लुक फैशन से बाहर है, इसलिए जरदोजी के भारी वर्क वाले कपड़ों की जगह हल्के दबे रंगों में मूँगा सिल्क चुन सकते हैं।

स्टोल भी जँचेगा- चाहे आप पारंपरिक पोशाक पहन रहे हों या फिर फ्यूजन ड्रेस, उस पर स्टोल (स्कार्फ से बड़ा, दुपट्टे जैसा सजीला कपड़ा) जरूर लें। स्टोल शिफॉन से लेकर ऑरगेंजा तक किसी भी मटेरियल में हो सकते हैं। सूती में फलों के खिलते रंगों में जरी के काम वाले स्टोल भी गजब ढा सकते हैं। ये महिलाओं और पुरुषों दोनों के कपड़ों के साथ जँचते हैं। फ्यूजन के इस क्रम में जींस और सफेद शर्ट पर प्रांत विशेष का दुपट्टा ले सकते हैं, जैसे चंदेरी, पुणेरी, बाँधनी या फिर मूँगा शॉल ही डाल लें।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Durga ashtami Puja vidhi: शारदीय नवरात्रि 2024: दुर्गा अष्टमी पूजा की विधि, महत्व, मंत्र, भोग, कथा और उपाय

Dussehra 2024 date: दशहरा पर करते हैं ये 10 महत्वपूर्ण कार्य

Navratri 2024: देवी का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जहां बदलती रहती है माता की छवि, भक्तों का लगता है तांता

Dussehra: दशहरा और विजयादशमी में क्या अंतर है?

सिर्फ नवरात्रि के 9 दिनों में खुलता है देवी का ये प्राचीन मंदिर, जानिए क्या है खासियत

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों के लिए खुशियों भरा रहेगा दिन, जानें 09 अक्टूबर का राशिफल

09 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

09 अक्टूबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Navratri Saptami devi maa Kalratri: शारदीय नवरात्रि की सप्तमी की देवी कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, आरती, कथा और शुभ मुहूर्त

Dussehra 2024 date: दशहरा कब है, क्या है रावण दहन, शस्त्र पूजा और शमी पूजा का शुभ मुहूर्त?