international moon day पर भारतीयों को मिला अमूल्य तोहफा, ISRO ने Chandrayaan-3 को लेकर सुनाई बड़ी खुशखबर

Webdunia
गुरुवार, 20 जुलाई 2023 (16:57 IST)
बेंगलुरु। Chandrayaan-3  big   update : चंद्रयान-3 अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान सगंठन (ISRO) ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान-3 की चौथी कक्षा को सफलतापूर्वक बदल दिया गया है। इससे पहले ISRO ने 18 जुलाई को चंद्रयान-3 की तीसरी कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया था। अब इसके बाद अगली ऑर्बिट मैन्यूरिंग 25 जुलाई 2023 को दोपहर 2 से 3 बजे ही होगी। 
 
चंद्रयान-3 ने अपने लक्ष्य की ओर अबाद्ध गति से बढ़ते हुए गुरुवार को चंद्रमा की कक्षा की ओर एक और कदम बढ़ाया और अंतरराष्ट्रीय चांद दिवस पर भारतवासियों को अमूल्य तोहफा दिया।
 
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज चौथी बार चंद्रयान-3 को चांद के और करीब पहुंचाया।
 
वैज्ञानिकों ने इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) सुविधा केन्द्र से चौथी बार धरती से फायरिंग (अर्थ बाउंड पेरिगी फायरिंग) करके चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद के और करीब पहुंचाया। 
वैज्ञानिक अब 25 जुलाई को अपराह्न 2 से 3 के बीच फायरिंग करके चंद्रयान को लक्ष्य के और करीब पहुंचाएंगे। 

क्या बोले इसरो प्रमुख : इसरो प्रमुख सोमनाथ एस. ने इससे पहले कहा था, ‘‘...अंतरिक्ष यान चंद्रमा के सफर पर है। अगले कुछ दिनों में यह (लैंडर को चंद्रमा की सतह पर उतारने का कार्य) कर दिखाएगा। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जागरूकता प्रशिक्षण (स्टार्ट) कार्यक्रम 2023 के उद्घाटन भाषण में यह बात की।
 
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि जहां तक विज्ञान की बात है, आप इस (चंद्रयान-3) मिशन के जरिये कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करेंगे।’’ 
 
14 जुलाई को हुआ था लॉन्च : 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.35  ISRO का फैट ब्वाय कहा जाने वाला GSLV मार्क-3 रॉकेट चंद्रयान को अंतरिक्ष में लेकर रवाना हुआ था। 
 
यह पहले पृथ्वी के आर्बिट और उसके बाद चंद्रमा के आर्बिट में चक्कर लगाते हुए इसकी लैंडिंग 24 से 25 अगस्त के बीच होगी। 
 
चंद्रयान-3 अपने साथ एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल लेकर चांद तक जा रहा है। इसका कुल वजन करीब 3,900 किलोग्राम है।
 
साउथ पोल पर करेगा लैंड : चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की रिचर्स करेंगे। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।
 
23 को करेगा लैंड : स्पेसक्राफ्ट 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि को पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। 5 तारीख को चंद्रमा की ग्रैविटी स्पेसक्राफ्ट को कैप्चर करेगी। 23 तारीख को ये चंद्रमा पर लैंड करेगा। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

गृहमंत्री अमित शाह का तंज, अखिलेश ने हाथ जोड़े, डिंपल यादव भी मुस्कुराईं

AI से खत्म हो सकता है पानी, खौफनाक सच से क्यों अनजान हैं यूजर्स

UPI फिर हुआ डाउन, हफ्ते में दूसरी बार यूजर्स हुए परेशान, क्या बोला NPCI

Rajasthan : जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामला, 11वां फरार आरोपी फिरोज गिरफ्तार

क्या थी रतन टाटा की आखिरी इच्छा, कैसे होगा 3800 करोड़ की संपत्ति का बंटवारा, किसे क्या मिलेगा?

सभी देखें

नवीनतम

टोल कलेक्‍शन में उत्तर प्रदेश टॉप पर, 7060 करोड़ रुपए की हुई कमाई

लालू यादव की तबीयत नाजुक, एम्स में कराया गया भर्ती

Meta ने Facebook और Instagram की सामग्री पर नहीं लगाई लगाम, तुर्किए सरकार ने लगाया जुर्माना Turkish government fined Meta

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का दावा, वक्फ की 90 फीसदी से अधिक संपत्ति विवादित

Waqf Amendment Bill को लेकर मोदी सरकार पर भड़के औवेसी, बोले मैं गांधी के तरह बिल फाड़ता हूं

अगला लेख