चैती छठ का त्‍योहार : पुराणों में चैती छठ का महत्‍व जानिए भगवान राम से क्या है कनेक्शन

Webdunia
चैत्र मास के नवरात्र में षष्‍ठी तिथि को हर साल चैती छठ का त्‍योहार मनाया जाता है। भविष्‍य पुराण के अनुसार, कार्तिक मास की छठ और चैत्र मास की छठ का विशेष महत्‍व होता है। कार्तिक मास की छठ दीपावली के तुरंत बाद पूर्वी उत्‍तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्‍सों में धूमधाम से मनाई जाती है। पुराणों में बताया गया है कि नवरात्र की षष्‍ठी तिथि को सूर्यदेव की पूजा विवस्‍वान के रूप में करनी चाहिए।

सूर्यदेव ने देवमाता अदिति के गर्भ से जन्‍म लिया था और आगे चलकर विवस्‍वान और मार्तण्‍ड कहलाए। इन्‍हीं की संतान वैवस्‍वत मनु भी हुए। जिनसे आगे चलकर सृष्टि का विकास हुआ। शनिदेव, यमराज, यमुना और कर्ण भी सूर्यदेव की ही संतानें हैं।
 
चैत्र नवरात्र की षष्‍ठी के दिन छठ का मुख्‍य प्रसाद बनाया जाता है। इसमें ठेकुआ प्रमुख है। प्रसाद और फलों को नई टोकरी में सजाया जाता है। फिर घर में टोकरी की पूजा करके सभी व्रती सूर्य को अर्घ्‍य देने के लिए तालाब, नदी और घाट पर जाते हैं। फिर वहां डूबते सूर्य की पूजा होती है। 
 
छठ से जुड़ी पौराणिक कथाएं: भगवान राम ने किया था आरंभ एक मान्यता के अनुसार, लंका पर विजय पाने के बाद रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को भगवान राम और माता सीता ने उपवास किया और सूर्यदेव की पूजा की। सप्तमी को सूर्योदय के वक्त फिर से अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था। यही परंपरा अब तक चली आ रही है। 
 
कर्ण ने भी की सूर्य देव की पूजा एक दूसरी मान्यता के अनुसार, छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की। कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे। वह प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बने। आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही परंपरा प्रचलित है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 01 जून 2025, माह का पहला दिन क्या लाया है 12 राशियों के लिए, पढ़ें अपना राशिफल

01 जून 2025 : आपका जन्मदिन

01 जून 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope June 2025: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा 02 से 08 जून का समय, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल

गंगा दशहरा पर्व का क्या है महत्व?

अगला लेख