यौन शोषण की चपेट में बढ़ता बचपन, कैसे रोकें

Webdunia
बचपन ईश्वर का दिया हुआ वह उपहार है, जो मासूमियत और प्रेम से बंधा होता है। देह से लेकर भावों तक सब कुछ कोमलता लिए हुए होता है। गीली मिट्टी सा बचपन जिस सांचे में ढालो ढल जाता है। लेकिन इस मासूमियत पर कभी-कभी मानवी विकारों का साया मंडराने लगता है, जिसे हम यौन शोषण कहते हैं। अपने नन्हे को सुरक्षित रखने के लिए माता-पिता को बेहद सतर्क रहने की जरुरत है। 
 
पहले नजर डालते हैं यौन शोषण के कुछ आंकड़ों पर - 
पांच से 12 वर्ष की उम्र के बच्चे यौन शोषण के सबसे ज्यादा शि‍कार होते हैं।
लगभग 70 फीसदी बच्चे शारीरिक शोषण का शि‍कार होते हैं। 
3 यौन शोषण के मामलों में लड़के और लड़कियों के प्रतिशत में ज्यादा फर्क नहीं है। दोनों समान रुप से यौन शोषण का शि‍कार होते हैं।
4  शोषण के इन मामलों में ज्यादातर बच्चे अपने करीबी रिश्तेदार या जान-पहचान वालों द्वारा शोषि‍त होते हैं।
5 99 प्रतिशत मामलों में माता-पिता या परिजनों को इस बात की खबर नहीं होती कि उनका बच्चा यौन शोषण का शि‍कार है।
6 स्कूलों में भी बच्चों के साथ यौन शोषण के कई मामले सामने आते हैं, जिनमें शिक्षक द्वारा ही बच्चे का शोषण हो रहा होता है।
स्कूल बस या ऑटो में चालक अथवा कंडक्टर द्वारा भी यौन शोषण की घटनाएं कम नहीं होती, इनका प्रतिशत भी अच्छा खासा है।

यौन शोषण के इन मामलों में कई तो ऐसे भी होते हैं, जिनके बारे में किसी को कुछ पता भी नहीं होता। इस तरह की घटनाओं से बच्चों का न केवल शारीरिक शोषण होता है, बल्कि मानसिक तौर पर भी वे बड़ी और कठिन लड़ाई लड़ रहे होते हैं। क्योंकि वे नहीं जानते कि उनके साथ यह सब क्या और क्यों हो रहा है। इसपर उन्हें क्या प्रतिक्रिया देनी चाहिए वे इस बात से भी अनजान होते हैं। इस समय उसे सबसे अधि‍क जरूरत होती है परिजनों के सहयोग की।
 
बच्चों में होने यौन शोषण पर लगाम लगाने के लिए खुद बच्चों को ही तैयार करना होगा। इस बात का पूरा दायि‍त्व माता-पिता का है। जानिए कैसे लगाएं यौन शोषण पर रोकथाम - 
 
1 बच्चों में सेक्स एज्युकेशन अनिवार्य तौर पर हो। उम्र के अनुसार उन्हें इस बात की समझ होनी चाहिए कि उनके साथ होने वाली कोई भी गतिविधि‍ सही है या गलत।
 
2 बच्चों से साथ दोस्ताना व्यवहार रखें और उससे अपने अनुसार हर विषय पर बात करने की कोशिश करें ताकि वह आपके साथ हर बात के लिए सहज हो सके।

3 बच्चों को यह भी समझाएं कि उसे छूने, गाल खींचने या उसके शरीर के साथ होने वाली अन्य गतिविधि‍यों को कैसे पहचाना जाए और कुछ भी गलत होने पर क्या प्रतिक्रिया दी जाए।
 
4 बच्चे को विरोध का तरीका भी सिखाएं ताकि‍ उसके साथ कुछ गलत हो तो वह विरोध करने का साहस जुटा सके। उसे यह विश्वास दिलाएं कि उसके हर कदम पर आप उसके साथ हैं।
5 बच्चों को भी बाहरी लोगों, टीचर, बस चालक व अन्य लोगों से सतर्क रहने के लिए कहें। 
6 बच्चों के दोस्तों, शि‍क्षक, उसकी बस के चालक व अन्य लोगों से बातचीत कायम रखें जो बच्चे के साथ, उसके आसपास रहते हों।

Hula Hoop से करें ये 5 मजेदार एक्सरसाइज, कमर की चर्बी चुटकियों में हो जाएगी दूर

टॉयलेट में घंटो बैठे रहते हैं तो दही में मिलाकर खाएं ये 5 चीज़ें

शरीर को रबर की तरह लचीला बना देंगे ये 7 योगासन, जानें ज़रूरी सुझाव

कपड़ों से भर गई है अलमारी? तो इन 5 क्रिएटिव तरीकों से पुराने कपड़ों का करें इस्तेमाल

बॉडी पॉलिशिंग से आएगी बॉडी में चमक, स्किन रहेगी चमकदार और मुलायम

आपको शर्तिया हंसाएगा यह Teacher और Student का मस्त जोक : 10वीं बार प्यार

क्या भुट्टा खाने के बाद नहीं पीना चाहिए पानी? जानिए क्या है सच्चाई

हार्मोनल एक्ने की समस्या से हैं परेशान, तो छुटकारा दिला सकता है यह उपाय

बाल गीत : गांव हमारा

क्या होती है No Raw Diet? जानिए एक्सपर्ट से क्या हैं इसके फायदे