यीशु का संपूर्ण जीवन एक ईश्वरीय योजना को पूरा करने के लिए था। उन्हें सलीब पर चढ़ाया जाना कोई अपवाद नहीं है। यीशु को तो पहले से ही ज्ञात था कि ईश्वर की इच्छा क्या है? ये सब जानने के बाद भी वे अपने दुश्मनों से मिलने चले गए। दुश्मनों के सामने उनका आत्मसमर्पण भी परमपिता की इच्छा के अनुसार ही था।
गुड फ्रायडे (Good Friday) के दिन प्रभु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। सूली पर चढ़ते वक्त प्रभु ने सात वाणियां कहीं थीं जो अमर हो गईं। ईसा मसीह ने हमें दूसरों को क्षमा करने का संदेश दिया। यहां पढ़ें...
ईसा मसीह की अमर वाणियां-Yeshu ki Amar Vani
* पहली वाणी- हे पिता इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं।
* दूसरी वाणी- आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।
* तीसरी वाणी- हे नारी! देख यह तेरा पुत्र है।
* चौथी वाणी- हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया।
* पांचवी वाणी- मैं प्यासा हूं।
* छठी वाणी- पूरा हुआ।
* सातवीं वाणी- हे पिता! मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं।