ईस्टर संडे : प्रभु ईसा ने दिया था क्षमा का संदेश...

Webdunia
* प्यार और सत्य बांटने के लिए दुनिया में आए थे ईसा मसीह 
 
पौराणिक ईसाई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मृत्यु के तीन दिनों बाद प्रभु यीशु पुनर्जीवित हो गए थे। ईसा मसीह के जी उठने की याद में दुनिया भर के ईसाई समुदाय इस दिन 'ईस्टर संडे' मनाते हैं। यह ईसाई समुदाय का धार्मिक पर्व है। इसे ईस्टर दिवस, ईस्टर रविवार या संडे के नाम से भी जाना जाता है। 
 
आज से दो हजार साल पहले यरुशलम के एक पहाड़ पर बिना किसी कारण के ईसा मसीह को क्रूस (सूली) पर चढ़ाया गया था। मगर ईसा मसीह तीसरे दिन अपनी कब्र में से जी उठे। आज भी उनकी कब्र खुली है। ईसा मसीह ने जी उठने के बाद अपने चेलों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए। 
 
ईसा मसीह प्यार और सत्य बांटने के लिए दुनिया में आए थे। उन्होंने कहा- 'परमपिता परमेश्वर की नजर में हम सब एक हैं, वो अपने लोगों के लिए एक राजा बनकर आए थे। जिस क्रूस पर ईसा मसीह को चढ़ाया गया, उस पर उस समय की यूनानी भाषा में लिखा था- नासरत का ईशु यहूदियों का राजा है। लेकिन वे लोग अनजाने में मसीह को क्रूस पर चढ़ा रहे थे।'  

ALSO READ: ईसाइयों का सबसे बड़ा पर्व है ईस्टर, जानिए इसका महत्व...
 
उस समय भी ईशु ने यही कहा- 'हे पिता परमेश्वर, इन लोगों को माफ करना, क्योंकि यह नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।'
 
ईस्टर संडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में इकट्ठा होकर जीवित प्रभु की आराधना (उपासना) स्तुति करते हैं और ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में प्रभु भोज में भाग लेते हैं। एक-दूसरे को प्रभु ईशु के नाम पर शुभकामनाएं देकर भाईचारे और स्नेह का प्रतीक मानकर इस दिन को मनाते है। 
 
 यह पर्व क्रिसमस की तरह धूमधाम और बाहरी तड़क-भड़क के साथ नहीं मनाया जाता, फिर भी यह ईसाई-पर्वों में महत्तम है। प्रभु ईसा मसीह ने हमें दूसरों को क्षमा करने का संदेश दिया। हम विश्वास करते हैं कि समस्त मानव जाति के पापों का उद्धार करने के लिए उन्होंने क्रूस पर अपनी जान दी। मसीह पर विश्वास करने वालों को पापों से छुटकारा मिलता है।

ALSO READ: शांति, सद्भाव व भाईचारे की सीख देता है ईस्टर

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन

अगला लेख