क्रिसमस : 25 दिसंबर को ही क्यों?

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क्रिसमस को हालांकि ईसा मसीह के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है लेकिन ईसाई विद्वान इस बात पर लगभग एकमत हैं कि ईसा के जन्म का वास्तविक दिन यह नहीं है।

... तो फिर 25 दिसंबर को उनका जन्मदिन मनाने की परंपरा कैसे शुरू हुई?

हुआ यूं कि जब ईसाई धर्म योरप पहुंचा तो वहां कई प्रकार के त्योहार पहले ही से प्रचलित थे।

इनमें प्रमुख था 25 दिसंबर को सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व। इस तिथि से दिन के लंबा होना शुरू होने के कारण इसे सूर्य देवता के पुनर्जन्म का दिन भी माना जाता था।

ईसाई परंपराओं और योरप में पहले से प्रचलित परंपराओं का जो संगम हुआ, उसी का एक परिणाम यह था कि सूर्य देवता के पुनर्जन्म का पर्व ईसा के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।

शुरू में इस बात को लेकर मतभेद भी था कि क्या ईसा का जन्मदिन मनाया जाना चाहिए। तब ईसा के बलिदान तथा पुनरुत्थान का पर्व ईस्टर ही ईसाइयों का प्रमुख त्योहार हुआ करता था।
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