बर्मिंघम: जेरेमी लालरिननुंगा ने बर्मिंघम में जारी राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पांचवां मेडल दिलाया है। 19 साल के जेरेमी ने इन खेलों में भारत को दूसरा गोल्ड मेडल जिताया है। जेरेमी के वेटलिफ्टिर बनने की कहानी काफी रोचक है। जेरेमी के पिता ने उन्हें वेटलिफ्टिर नहीं बॉक्सर बनाने का सपना देखा था।
19 साल के जेरेमी आइजोल, मिजोरम के रहने वाले हैं। 26 अक्टूबर 2002 को मिजोरम के आईजोल में जन्मे भारत के सबसे होनहार युवा खिलाड़ी जेरेमी ने गोल्ड मेडल अपने नाम करने के लिए स्नैच में 140 और क्लीन एंड जर्क में 160 किग्रा वजन उठाया।
सेना में हैं नायब सूबेदार
जेरेमी के पिता का नाम लालमैथुआवा हैं। जेरेमी के पिता राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर थे। जेरेमी ने सिर्फ छह साल की उम्र में अपने पिता के मार्गदर्शन में एक मुक्केबाज के रूप में अपना प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। बाद में उन्होंने 10 साल की उम्र वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की। जेरेमी ने कोच विजय शर्मा से प्रशिक्षण लिया और बाद में उन्होंने पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। जेरेमी लालरिनुंगा भारतीय सेना में नायब सूबेदार भी हैं।
जेरेमी साल 2018 में यूथ ओलिंपिक के भी गोल्ड मेडलिस्ट हैं। वह 2021 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। 2018 युवा ओलंपिक में उनकी उम्र महज 15 साल थी। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 274 किग्रा (124 + 150) वजन उठाया था और गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। वह बर्मिंघम में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले पुरुष एथलीट हैं।
जेरेमी ने बनाया रिकॉर्ड
जेरेमी लालरिननुंगा ने स्नैच में अपने दूसरे प्रयास में 140 किलोग्राम उठाया। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में अपने दूसरे प्रयास में 160 किलो वजन उठाकर कुल 300 किलोग्राम का नया गेम्स रिकॉर्ड बनाया।
जेरेमी लालरिननुंगा ने स्नैच में भी नया गेम्स रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने पहले प्रयास में 136 किलो वजन उठाया। उनका दूसरा सफल प्रयास 140 किलो था। उन्होंने तीसरे प्रयास में 143 किलो वजन उठाने की कोशिश की लेकिन विफल रहे। उन्हें 10 किलो की बढ़त मिल चुकी थी।
क्लीन एंड जर्क में उनका पहला प्रयास 154 और दूसरा 160 किलो था। जेरेमी का 165 किलो का तीसरा प्रयास विफल रहा। लेकिन तब तक स्वर्ण उनकी झोली में आ चुका था।
सामोआ के विपावा नेवो इयोन (127 और 166) को रजत तथा नाइजीरिया के एडीडीओंग जोसफ उमॉफिया (130 और 160) को कांस्य पदक मिला।
जेरेमी ने जीत के बाद कहा, "मैं स्वर्ण पदक जीतकर खुश हूं लेकिन अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हूं। मैं बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा था, लेकिन देश के लिए स्वर्ण जीतना गर्व का क्षण है।"(वार्ता)