नई दिल्ली। ब्रिटेन में हाल ही में सामने आए कोरोनावायरस के नए स्वरूप का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं निर्धारित की हैं, जहां राज्य उनके यहां सामने आने वाले संक्रमण के 5 फीसदी नमूनों को जीनोम श्रृंखला के वास्ते भेजेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में सार्स-सीओवी-2 के प्रकारों (स्ट्रेन्स) की प्रयोगशाला तथा महामारी विज्ञान निगरानी के लिए एक जीनोमिक निगरानी संघ बनाया है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के नेतृत्व में जीनोमिक निगरानी संघ, आईएनएसएसीओजी बनाया गया है। इस समय ब्रिटेन से लौटे 50 से अधिक लोगों के नमूनों की विशिष्ट प्रयोगशालाओं में अध्ययन के लिए जीनोम श्रृंखला बनाई जा रही हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी जीनोम श्रृंखला मार्गदर्शन दस्तावेज में कहा गया कि जीनोम श्रृंखला के लिए तय की गईं 10 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं में आसपास के राज्यों के संक्रमण की पुष्टि के नमूने भेजे जाएंगे। सभी राज्य अपनी निकटवर्ती प्रयोगशाला में संक्रमण के 5 फीसदी नमूने भेजेंगे। इनका उपयोग जीनोम श्रृखंला के लिए किया जाएगा। इसके बाद तैयार किए गए जीनोम श्रृंखला डाटा का संबंधित प्रयोगशालाओं द्वारा आंकलन किया जाएगा और फिर इन्हें एनसीडीसी को भेजा जाएगा। (भाषा)