कोरोना मरीजों के उपचार के लिए औरंगाबाद अस्पताल को मिली मंजूरी रद्द, जानिए क्यों

Webdunia
बुधवार, 26 मई 2021 (10:57 IST)
औरंगाबाद (महाराष्ट्र)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सुनील चव्हाण ने एक अस्पताल को कोविड-19 केंद्र के तौर पर सेवाएं देने के लिए दी गई अनुमति, मरीजों से अत्यधिक शुल्क वसूले जाने की शिकायतों के मद्देनजर रद्द कर दी है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

ALSO READ: हल्के लक्षणों वाले मरीजों का शरीर हमेशा कोरोनावायरस से लड़ता रहेगा: अध्ययन
 
अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के बाद बालुज इलाके के बजाज नगर में स्थित 'ममता मेमोरियल अस्पताल' से कहा गया है कि वह किसी नए कोविड-19 मरीज को भर्ती नहीं करे और पहले से भर्ती मरीजों को उपचार पूरा होने के बाद छुट्टी दे दी जाए।

 
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी को कई शिकायतें मिली थीं जिनमें आरोप लगाया गया था कि अस्पताल किसानों और गरीब लोगों से अत्यधिक शुल्क वसूल रहा है। अधिकारी ने बताया कि चव्हाण ने इन शिकायतों की जांच के लिए एक समिति गठित की और उसकी रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने अस्पताल को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दी गई मंजूरी रद्द कर दी। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

सुहागरात मना रहे थे दूल्हा-दुल्हन, सुबह मिली दोनों की लाश, परिवार में मचा हड़कंप

Ranya Rao : कोर्ट में रो पड़ीं एक्ट्रेस रान्या राव, मानसिक उत्पीड़न का लगाया आरोप, कहा- DRI अधिकारियों ने दीं गालियां

महाकुंभ में स्नान के लिए उपयुक्त था गंगा जल, सरकार ने लोकसभा में कहा

रंग बेचने वाले मुस्‍लिमों को रंग लग जाए तो बुरा नहीं मानना चाहिए, बिहार के भाजपा विधायक के बयान पर रार

राज ठाकरे ने उड़ाया संगम स्नान करने वालों का मजाक, कहा- मैंने तो गंगा जल को छुआ भी नहीं

सभी देखें

नवीनतम

नोएडा में GST उपायुक्त ने की आत्महत्या, 15वीं मंजिल से कूदकर दी जान

कांगो में नाव पलटने से 25 लोगों की मौत, मृतकों में कई फुटबॉल खिलाड़ी

प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ का मामला, न्यायिक आयोग ने की बैठक

रंगभरनी एकादशी के साथ ब्रज और काशी में शुरू हुई होली, संभल में निकला जुलूस

भूपेश बघेल के बेटे के घर ED की रेड, क्या करते हैं चैतन्य बघेल, क्यों गर्मा गई छत्तीसगढ़ की सियासत

अगला लेख