देश में बिना लक्षणों वाले कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बाद अब बड़ी संख्या में पॉजिटिव होने वाले लोग होम आइसोलेट हो रहे है। घर में आइसोलेट होने वाले लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना होता है। घर में आइसोलेट होने वाले कोरोना पॉजिटिव लोगों को खुद का फीवर और आक्सीजन लेवल दिन में कई बार चेक करना पड़ता है। शरीर में ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर की जरूरत पड़ती है, जिसके चलते बाजार में इन दिनों पल्स ऑक्सीमीटर की कमी होने लगी है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीरता का पता लगाने वाले पल्स ऑक्सीमीटर की बाजार में उपलब्धता में कमी का फायदा उठाकर इन दिनों नकली पल्स ऑक्सीमीटर के साथ इंटनरेट पर कई प्रकार के ऑनलाइन पल्स ऑक्सीमीटर एप आ गए है। ऑनलाइन पल्स ऑक्सीमीटर लोगों में आक्सीजन लेवल की जानकारी देने का दावा कर रहे है।
इस बीच केंद्र सरकार ने इन फर्जी ऑक्सीमीटर एप को लेकर सोशल मीडिया पर एक एडवाइजरी जारी कर यूजर्स को अज्ञात यूआरएल से ऑक्सीमीटर ऐप डाउनलोड नहीं करने की चेतावनी दी है। एडवाइजरी के मुताबिक ऐसे एप्स जो कि यूजर्स में ऑक्सीजन लेवल की जांच का दावा करते हैं वह नकली हो सकते है। इनसे पर्सनल डेटा, बायोमेट्रिक जानकारी चोरी हो सकती है।
कोरोनाकाल में साइबर हैकर इन नकली और फर्जी मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को ठग रहे है। बीते छह महीनों में साइबर ठगी के केसों में अचानक से तेजी आई है। घर में रहने और लोगों की ऑनलाइन पर ज्यादा निर्भरता रहने की मजबूरी को ऑनलाइन ठगों ने आपदा में अवसर की तरह खबू भुनाने की कोशिश भी की।