पलायन का दर्द : जीवन का सबसे बुरा वक्त देखा, अब कभी गांव नहीं छोड़ेंगे...

कीर्ति राजेश चौरसिया
शनिवार, 16 मई 2020 (14:45 IST)
दिल्ली की सरकार भले ही मजदूरों और गरीबों के लिए लाख घोषणाएं कर रही हो, लेकिन उन्हें इसका बिलकुल भी फायदा मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। देश के दूरदराज इलाकों की तो छोड़िए सरकार की नाक के नीचे दिल्ली में प्रवासी मजदूरों को परेशानी के चलते अपना ठिकाना छोड़ना पड़ रहा है। 
 
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के हरपालपुर में ऐसा ही दुखद दृश्य सामने आया, जब एक प्रवासी मजदूर राजधानी दिल्ली से अपनी पत्नी और 4 बच्चों को लेकर अपने गांव मवइया पहुंच गया। दरअसल, इस परिवार के मुखिया का काम-धंधा लॉकडाउन के चलते पूरी तरह बंद हो गया और मकान मालिक ने किराए के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। थक-हारकर अन्तत: वृंदावन ‍अहिरवार नामक इस प्रवासी मजदूर ने अपने गांव आने में ही भलाई समझी। 
 
छतरपुर जिले के मवइया गांव का वृंदावन पत्नी, तीन बच्चों एवं भांजे के साथ 600 किलोमीटर रिक्शा चलाकर गांव पहुंच गया। वृदांवन की पत्नी गीता ने बताया कि 6 साल की लड़की 4 एवं डेढ़ साल के दो मासूम बच्चों के साथ गुजर करना काफी मुश्किल हो रहा था। वृंदावन ने बताया कि डेढ़ महीने से ज्यादा के लॉकडाउन में हमारी पूरी जमा पूंजी खत्म हो गई थी। मकान मालिक ने किराया न देने के कारण घर खाली करा लिया। 
 
मजदूर परिवार ने बताया कि 5 दिनों के सफर में रास्ते में कहीं भी खाने-पीने का सामान नहीं मिला। वृंदावन ने बताया कि यह जीवन का सबसे बुरा अनुभव था। अब कभी अपना गांव छोड़कर नहीं जाएंगे। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

EVM के आरोप का कोई सिर-पैर नहीं, INDIA Alliance के दल नहीं एकमत, अभिषेक बनर्जी ने कहा- नहीं हो सकती कोई गड़बड़ी, सबूत दिखाएं

Delhi pollution : दिल्ली-NCR में लागू GRAP-3 की पाबंदियां, डीजल वाहनों और कंस्ट्रक्शन वर्क के साथ किन चीजों पर रहेंगी पाबंदियां

किस बीमारी से हुआ तबला उस्‍ताद जाकिर हुसैन का निधन, क्‍या होता है IPF और कैसे इससे बचें?

फिलिस्तीन लिखा हैंडबैग लेकर संसद पहुंची प्रियंका गांधी

मणिपुर को लेकर कांग्रेस ने साधा मोदी पर निशाना, कहा- हालात का जायजा लेने का समय नहीं

सभी देखें

नवीनतम

MP : भर्ती परीक्षा में मिले 100 में से 101.66 अंक, बेरोजगार युवाओं ने जताया विरोध, जांच की मांग

Weather Update : राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में शीतलहर का कहर, ठंड से कब मिलेगी राहत

Delhi : बांसुरी स्वराज को अदालत ने दिया नोटिस, जानिए क्या है पूरा मामला

स्विट्जरलैंड के फैसले का ईएफटीए-भारत समझौते पर नहीं होगा असर, वाणिज्य सचिव बर्थवाल ने दिया यह बयान

अतुल सुभाष मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी चाचा की अर्जी पर सुनवाई कर दी अग्रिम जमानत

अगला लेख