नई दिल्ली। विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में वृद्धि की वजह लोगों द्वारा ढिलाई बरतना और छुट्टियों का दौर है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को कोविड-19 के 622 नए मामले आए, जबकि दो संक्रमितों की मौत दर्ज की गई। संक्रमण दर भी बढ़कर 3.17 प्रतिशत हो गई है।
आंकड़ों के मुताबिक, एक जून को दिल्ली में 1.74 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ 368 नए मामले आए थे, जो 10 दिनों के भीतर ही 500 के पार चले गए हैं। राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के अधीक्षक बीएल शेरवाल ने कहा कि सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन घबराना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा, हर किसी ने सतर्कता कम कर दी है, ऐसे में मामले बढ़ेंगे। मरीज तीन-चार दिन में ठीक हो रहे हैं और उन्हें बुखार, बदन दर्द और दस्त की शिकायत हो रही है। यह अच्छी बात है कि फेफड़ों में संक्रमण नहीं हो रहा है और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है।
वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि जो बहुत कमजोर हैं उन्हें ही डॉक्टर द्वारा अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जा रही है। संजय गांधी स्मारक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक एसके अरोड़ा का मानना है कि संक्रमण के मामलों के बढ़ने के पीछे का कारण स्कूलों की छुट्टियां हैं।
उन्होंने कहा, यह अब हल्का संक्रमण रह गया है और ऐसी लहर आती रहेगी। साथ ही यह छुट्टियों का सत्र चल रहा है और लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में सफर कर रहे हैं। ऐसे में मामले आएंगे लेकिन एक चीज यह है कि संक्रमण के लक्षण हल्के हैं।
दिल्ली कोरोना मोबाइल ऐप के मुताबिक गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मरीजों के लिए निर्धारित 9,630 बिस्तरों में से केवल 85 ही भरे थे।वहीं शुक्रवार को 2,218 आईसीयू बिस्तरों में 28 बिस्तरों पर मरीज भर्ती थे।(भाषा)