वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए कोन्वलेसेंट प्लाज्मा से उपचार को अधिकृत करने की रविवार को घोषणा की। इस कदम को वह एक बड़ी कामयाबी बता रहे हैं। उनके शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने इसे उम्मीदों भरा बताया है जबकि अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी खुशी मनाने से पहले इसपर और अध्ययन की जरूरत है।
यह घोषणा तब की गई है जब व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने शिकायत की कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की ओर से बीमारी के लिए टीका और उपचार स्वीकृत करने में राजनीतिक दृष्टि से प्रेरित देरी की जा रही है जिसकी वजह से ट्रंप के पुनर्निर्वाचन की संभावानाएं घट रही हैं।
रिपब्लिकन राष्ट्रीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर, ट्रंप ने रविवार शाम हुई प्रेस वार्ता में प्लाज्मा थेरेपी अधिकृत किए जाने की एफडीए की घोषणा के केंद्र में खुद को रखा। इससे कुछ मरीजों को इलाज हासिल करने में सहूलियत होगी लेकिन यह एफडीए की पूर्ण स्वीकृति के समान नहीं होगा।
कोरोना वायरस संक्रमण से स्वस्थ होने वाले मरीजों से लिया गया प्लाज्मा एंटीबॉडीज से पूर्ण होता है और बीमारी से लड़ने वालों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। लेकिन अब तक के साक्ष्य इस बारे में ठोस प्रमाण नहीं देते कि यह कैसे काम करता है, किस वक्त यह थेरेपी दी जानी चाहिए और इसकी खुराक कितनी हो।
आपात प्राधिकरण की व्याख्या करते हुए एक पत्र में, एफडीए के लिए मुख्य वैज्ञानिक, डेनिस हिंटन ने कहा कि कोविड-19 कोन्वलेसेंट प्लाज्मा को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए देखभाल का नया मानक नहीं माना जाना चाहिए। अन्य विश्लेषणों और जारी एवं नियंत्रित क्लिनिकल परीक्षणों से आने वाले महीनों में अतिरिक्त डेटा सामने आएगा।
लेकिन ट्रंप ने अपने सहयोगियों को स्पष्ट कर दिया है कि वह वायरस के खिलाफ जंग में अच्छी खबर बताने के इच्छुक हैं और इसके समय ने उन्हें गति के साथ अपने सम्मेलन की तरफ बढ़ने की इजाजत दी है। ट्रंप और उनके सहयोगी इसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं और इसकी घोषणा उन्हें व्हाइट हाउस के ब्रीफिंग रूम से की। (भाषा)