Ground Report : इंदौर में कोरोनावायरस से 30 दिनों में ‌‌‌‌‌‌94 मौतें, अगले 2 माह में हो सकते हैं 43 हजार से अधिक पॉजिटिव

Webdunia
मंगलवार, 8 सितम्बर 2020 (16:17 IST)
-नृपेंद्र गुप्ता, धर्मेंद्र सांगले
इंदौर में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिले में कोरोना के मरीजों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है। सितंबर के पहले 7 दिनों में 1377 नए मामले सामने आ चुके हैं। 8 सितंबर को शहर में 295 नए मरीज आए। यह अब तक का एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। 
 
अब तक शहर में 15,165 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। रिकवरी रेट भी मात्र 68 प्रतिशत है। इससे भी ज्यादा डरावने आंकड़े तो कोविड मैनेजमेंट की रिपोर्ट में सामने आ रहे हैं। तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना मैनेजिंग कमेटी का अनुमान है कि 30 सितंबर तक 23533 और अक्टूबर के अंत तक शहर में 43 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित होंगे। इंदौर शहर के साथ ही सांवेर, महू और देपालपुर तहसीलों में भी बड़ी मात्रा में कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले में पिछले 30 दिनों में 94 लोगों की मौत। कई लोग जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
 
शहर के बाजार खुलवाने को मुखर रहे जन-प्रतिनिधि अब संक्रमण के बढ़ते मामलों पर मौन धारण किए बैठे है और बहुत से जनप्रतिनिधि खुद ही इस की चपेट में आ चुके हैं। इस महामारी ने इंदौर में पिछले 1 महीने में जिस तरह से लोगों को अपनी चपेट में लिया है उससे शहर के अधिकांश लोग दहशत में हैं। 
 
चुनावी सरगर्मी ने बढ़ाई चिंता : कोरोना काल में सांवेर में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की तैयारियां जोरों पर हैं। दोनों ही दलों के संभावित प्रत्याशी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनके संपर्क में शहर के साथ ही जिले के भी लगभग सभी बड़े नेता थे। देखते ही देखते कोरोना ने इन्हें भी अपना शिकार बना लिया। 
 
नहीं मान रहे 'माननीय' : इतना सब होने के बाद भी नेताओं ने सबक नहीं लिया। कभी रैली तो कभी धार्मिक यात्रा के नाम पर सांवेर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। सांवेर में निकली कलश यात्रा को लेकर शिवराज सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि यह यात्रा श्रद्धा और आस्था से जुड़ी है। यह यात्रा गांव के गांव में ही निकल रही है।
 
अनलॉक पड़ा भारी, हर और लापरवाही : 1 सितंबर से शहर में लगभग सभी चीजें खोल दी गई हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट सभी स्थानों पर भीड़ बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही लोगों की लापरवाही भी दिखाई देने लगी है। वेबदुनिया टीम ने खुद देखा कि इंदौर में कई लोग घरों से बगैर मास्क के निकल रहे हैं तो कई लोग सोशल डिस्टेंसिंग का मंत्र भी भूल गए हैं। 
 
और तो और सैनेटाइजर का प्रयोग भी लोगों ने कम कर दिया है। बाजारों में न तो दुकानदार कोरोना को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं और ना ही ग्राहकों में पहले जैसी गंभीरता नजर आ रही है।
 
रविवार लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू भी हटा : भले ही जिले में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हों लेकिन इसको लेकर प्रशासन ने अभी तक नरमी दिखाते हुए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों पर रविवार को लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू हटा लिए गए हैं। इस कदम के बाद लोगों की लापरवाही और बढ़ गई है।
 
बढ़ते मरीजों के कारण अस्पतालों में बेड्स की कमी : शहर में लगातार बढ़ रहे मरीजों और बाहर से इलाज के लिए आ रहे कोरोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या प्रशासन की परेशानी बढ़ा रही है। प्रशासन नए आईसीयू बेड्‍स की व्यवस्था कर रहा है। सुपर स्पेश‍लिटी अस्पताल को भी कोरोना मरीजों के लिए खोल दिया गया है। 
 
आईसीयू में कमी की बात स्वीकारते हुए कलेक्टर मनीषसिंह ने बताया कि शहर में इस समय 50 प्रतिशत मरीज शहर से बाहर के हैं। उज्जैन संभाग, ग्वालियर संभाग यहां तक कि छतरपुर से भी मरीज आए हुए हैं। उल्लेखनीय है कि कोविड19 के इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में जमकर शुल्क लिया जा रहा था जिसके बाद प्रशासन को कई अस्पतालों को नोटिस जारी करना पड़ा और इलाज के लिए शुल्क रेगुलेट भी करना पड़ा‌‌।
 
कोविड-19 को लेकर शहर में चल रहा सर्वेक्षण बंद कर दिया गया है। 44 फीवर क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। इनका समय बढ़ाकर रात 8 बजे तक किया जा सकता है। मनीष सिंह ने बताया कि कोरोना मरीजों की पहचान फीवर क्लिनिक के माध्यम से की जा रही है। इसके अलावा अस्पताल पहुंच रहे संदिग्ध मरीजों की भी जांच की  जा रही है। 
 
कलेक्टर की चेतावनी : रोजाना आ रहे डरावने मामलों को देखते हुए इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि लोग खाने पीने की दुकानों और सब्जी मंडियों में सबसे ज्यादा लापरवाही बरत रहे हैं। दुकानदारों की लापरवाही भी सामने आ रही है। 
 
उन्होंने लापरवाही बरत रहे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे नहीं माने तो एक बार फिर सख्‍ती करनी पड़ेगी। 

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