मुख्य बातें
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खतरनाक होता जा रहा है डेल्टा वैरिएंट
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वैरिएंट से बचाव ही कारगर तरीका
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वैक्सीन लगा चुके लोग कोरोना की चपेट में
कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। अब इसके डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) ने रही सही कसर पूरी कर दी है और पूरी दुनिया एक बार फिर से तबाही के कगार पर पहुंच गई है। कई देशों में वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है, लेकिन डेल्टा वैरिएंट को लेकर एक डराने वाली खबर सामने आ रही है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि वैक्सीनेशन के बाद हर्ड इम्यूनिटी भी इस वैरिएंट को रोक पाने में असफल दिख रही है। ऐसे में महामारी कब तक रहेगा, इसे लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है। कोरोना का डेल्टा वैरिएंट और ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है।
ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के प्रमुख प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कोरोना संकट पर आयोजित सर्वदलीय संसदीय समूह को बताया कि अत्यधिक संक्रामक वायरस के फैलने का डर अब भी बना हुआ है। अब तक ऐसा कुछ नहीं हासिल हुआ है जो जानलेवा संक्रमण को फैलने को पूरी तरह रोक सके। इस बयान से स्पष्ट है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से बचाव ही कारगर तरीका है।
वैक्सीन लगा चुके लोगों में डर : हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण के साथ दिक्कत यह है कि यह खसरा नहीं है। देखा गया है कि यदि 95 प्रतिशत आबादी को खसरे का टीका लगा दिया जाता है तो इसका वायरस नहीं फैल सकता है। चिंताजनक बात यह है कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित करता है जिन्होंने कोविड-19 रोधी वैक्सीन लगवा ली है। इसके साथ ही प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने ब्रिटिश सरकार की कोविड-19 रोधी टीके की प्रस्तावित तीसरी बूस्टर डोज दिए जाने पर संदेह जाहिर किया है।
फैलने से रोकने में नाकाम : पोलार्ड ने कहा कि वर्तमान में हमारे पास ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके जरिए हम डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण को फैलने से रोक सकें। हम ऐसी स्थिति में हैं जहां इस वायरस के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी भी संभव नहीं है। मुझे संदेह है कि यह वायरस ऐसा वैरिएंट पैदा करेगा जो कोविड रोधी वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम होगा। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया में औषधि के प्रोफेसर और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ पॉल हंटर ने भी ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के प्रमुख प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड की बात का समर्थन किया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया में औषधि के प्रोफेसर और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ पॉल हंटर ने भी इसका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हर्ड इम्युनिटी की अवधारणा हासिल नहीं की जा सकती क्योंकि हम जानते हैं कि यह संक्रमण टीका न लगवाने वाले लोगों में फैलेगा और ताजा आंकड़ें यह दिखाते हैं कि टीकों की दो खुराक संक्रमण के खिलाफ संभवत: केवल 50 फीसदी सुरक्षा देती हैं।
विशेषज्ञों ने ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद की उन योजनाओं को समर्थन दिया है जिसमें अगले महीने से सबसे अधिक खतरे वाले समूहों को फ्लू का टीका लगाने के साथ ही कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक देने का प्रस्ताव है।