भारत में कोरोना के नए स्ट्रेन की एंट्री, जानिए क्यों है यह ज्यादा खतरनाक...

Webdunia
मंगलवार, 29 दिसंबर 2020 (12:46 IST)
नई दिल्ली। ब्रिटेन से भारत लौटे 6 लोगों के नमूनों में सार्स-सीओवी2 का नया स्ट्रेन पाया गया है। बेंगलुरू स्थित निमहांस, हैदराबाद स्थित सीसीएमबी और पुणे स्थित एनआईवी में जांच के लिए आए नमूनों में वायरस का नया स्वरूप पाया गया। जानिए कोरोनावायरस का यह स्ट्रेन पहले से मौजूद स्ट्रेन की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक क्यों माना जा रहा है...  

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अधिक संक्रामक है यह वायरस : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना का यह स्ट्रेन तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है। यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। हालांकि ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा। माना जा रहा है कि वायरस का यह प्रकार या तो ब्रिटेन में किसी मरीज में उत्पन्न हुआ होगा या किसी ऐसे देश से आया हो सकता है जहां कोरोनावायरस के म्यूटेशन पर निगरानी रखने की क्षमता कम है।
 
क्‍या होता है वायरस म्यूटेशन : वायरस म्यूटेशन का अर्थ है वायरस की आनुवांशिक श्रंखला में परिवर्तन। सार्स सीओवी-2 सिंगल आरएनए वायरस है। म्यूटेशन का अर्थ उस क्रम में बदलाव से है, जिसमें मॉलीक्यूल की क्रम से व्यवस्था होती है। आरएनए वायरस में म्यूटेशन उस समय होता है जब वायरस अपनी कॉपी बनाने में गलती करता है।
 
ब्रिटेन में महामारी का कारण बना यह स्ट्रेन : ब्रिटेन में सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वैलेन्स ने कहा कि वायरस हमेशा अपना रूप बदलता रहता है और दुनिया भर में इसके कई नए रूप मिल सकते हैं। लेकिन यह एक विशेष स्ट्रेन है जो अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि कई अन्य देशों में भी वायरस का यह नया स्ट्रेन होगा लेकिन ब्रिटेन में यह महामारी का कारण बन गया है। हो सकता है कि इसकी शुरुआत यहीं से हुई हो, फिलहाल हमें इस बारे में स्पष्ट तौर पर जानकारी नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि इस स्ट्रेन में क्या बदला है और वो अधिक खतरनाक है या नहीं यह समझने के लिए इसकी फिर से सीक्वेंसिग की जरूरत होगी और इस पर वैश्विक स्तर पर काम चल रहा है।
 
स्वास्‍थ्य विभाग अलर्ट : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। उसने बताया कि इन लोगों के साथ यात्रा करने वाले लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। अन्य नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है।
 
क्या है Sputnik V का दावा : रूस की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन इस नए कोरोना को रोकने में कारगर साबित होगी। Sputnik V वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि नए कोरोनावायरस को रोकने के लिए उसकी COVID-19 वैक्सीन 'अत्यधिक प्रभावी' होगी। रसियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के सीईओ किरिल दिमित्र ने कहा कि Sputnik V यूरोप में पाए जाने वाले कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ उतना ही प्रभावी होगा जितना कि मौजूदा कोरोना वायरस के खिलाफ।
 
इन देशों में मिला नया स्ट्रेन : सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है।

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