Corona से जंग में भारत बनाएगा एक और 'हथियार', Nasal वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी

Webdunia
बुधवार, 20 जनवरी 2021 (00:15 IST)
नई दिल्ली। भारत के औषधि नियामक सीडीएससीओ के विशेषज्ञ पैनल ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोविड-19 के इंट्रानेजल टीके के क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण को मंजूरी देने की मंगलवार को सिफारिश की है।
ALSO READ: भारत 20 जनवरी से शुरू करेगा कोविड-19 वैक्सीन्स का निर्यात, शुरू में 6 देशों को होगी सप्लाई
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अगर नाक से दिया जाने वाला यह टीका कामयाब रहता है तो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में यह बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
 
भारत बायोटेक ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को अर्जी देकर अपने इंट्रानेजल टीके के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी है। सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को आवेदन पर विचार करने के बाद पहले चरण के परीक्षण की अनुमति देने की सिफारिश की है।
 
पहचान गुप्त रखने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण के सुरक्षा और प्रभाव से जुड़े डेटा के आधार पर कंपनी को दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी जाएगी।
 
बीमारी के खिलाफ नेजल टीके के प्रभाव के संबंध में आज दिन में सवाल करने पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि नेजल टीके के लिए अभ्यर्थी की पहचान हो गई है। वह पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए औषधि नियंत्रक के पास आई है।
 
भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा एला ने पूर्व में कहा था कि इन्ट्रानेजल टीका देने में आसान है। इसके लिए सीरिंज, सुई आदि की जरूरत नहीं होती और यह टीकाकरण अभियान में किफायती भी साबित होगा। उन्होंने कहा कि टीके की एक बूंद नाक के दोनों छिद्र में डालना पर्याप्त है।
 
सीरम ने अदालत को दिया जवाब : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने 'कोविशील्ड' नाम के उपयोग को लेकर दावा जताने संबंधी वाद के मामले में मंगलवार को पुणे की दीवानी अदालत में अपना जवाब दाखिल किया।
 
साथ ही एसआईआई ने दावा किया कि वाद दायर करने वाली दवा कंपनी और उनकी कंपनी दोनों ही बिल्कुल अलग उत्पाद में काराबोर करती हैं, ऐसे में 'ट्रेडमार्क' को लेकर किसी प्रकार के भ्रम की स्थिति नहीं होगी।
 
मध्य महाराष्ट्र के नांदेड़ की दवा उत्पादक एवं विक्रेता कंपनी 'क्यूटिस बायोटेक' ने 4 जनवरी को वाद दायर कर 'कोविशील्ड' ट्रेडमार्क पर अपना दावा जताया था। साथ ही सीरम द्वारा इस ब्रांड के नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मंगा की थी। पुणे की एसआईआई ने अपने वकील के जरिए इस वाद के संबंध में लिखित जवाब दाखिल किया है।
 
उल्लेखनीय है कि एसआईआई कोविड-19 टीका 'कोविशील्ड' का उत्पादन कर रही है। इस मामले में अब 22 जनवरी को बहस की जाएगी।
 
एसआईआई की ओर से पेश वकील एसके जैन ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवी रोटे के समक्ष पेश होकर कंपनी का जवाब दाखिल किया। जैन ने बताया कि हमने कोविशील्ड ट्रेडमार्क के उपयोग पर रोक को लेकर दायर वाद के संबंध में अदालत में जवाब दाखिल किया है और मैं अदालत में शुक्रवार को इस मामले में दलीलें पेश करूंगा। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश, CM योगी ने उपद्रवियों को दी चेतावनी

समुद्र में आग का गोला बना जहाज, 300 से ज्यादा यात्री थे सवार, रोंगटे खड़े कर देगा VIDEO

महंगा पड़ा कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में HR मैनेजर को गले लगाना, एस्ट्रोनॉमर के CEO का इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, बिहार में SIR पर विपक्ष ने उठाए सवाल

24 कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़, IPO बाजार के लिए कैसे रहे 2025 के पहले 6 माह?

सभी देखें

नवीनतम

New Income Tax Bill : क्‍या TDS रिफंड दावों और ट्रस्ट के Taxation में होगा बदलाव, संसदीय समिति ने दिया यह सुझाव

Sawan 2025 : 75 कैन में 75 लीटर गंगाजल, अनोखे शिवभक्त की अनोखी कांवड़ यात्रा क्यों चर्चाओं में, PM मोदी से क्या कनेक्शन

Meta और Google को ED ने भेजा समन, नहीं पेश हुए अधिकारी, जानिए क्‍या है मामला

FBI ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को किया गिरफ्तार? वीडियो में मुस्कुराए डोनाल्ड ट्रंप, पढ़िए क्या है पूरा मामला

ED कर रहा है सारी हदें पार, वकीलों को तलब करने पर सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को लगाई फटकार, कहा- बननी चाहिए गाइडलाइन

अगला लेख