स्वास्थ्य मंत्रालय ने त्योहारी मौसम के लिए जारी की SOP, निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर कार्यक्रमों की अनुमति

Webdunia
मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020 (20:59 IST)
नई दिल्ली। कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान त्योहारी मौसम में एक बड़ी चुनौती होने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने भीड़-भाड़ वाले आयोजनों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनमें कार्यक्रमों के लिए विस्तृत स्थान, सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना तथा मूर्तियों और पवित्र ग्रंथों को स्पर्श नहीं करने जैसे उपाय शामिल हैं ताकि वायरस से संक्रमण पर काबू पाया जा सके।
 
मंत्रालय के अनुसार केवल निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर ही त्योहारों के लिए अनुमति दी जाएगी वहीं प्रतिबंधित क्षेत्रों के निवासियों को अपने घरों के अंदर ही त्योहार मनाने और बाहर नहीं निकलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
ALSO READ: Unlock-5 की गाइडलाइन जारी, खुलेंगे सिनेमाघर, राज्य लेंगे स्कूल-कॉलेज पर फैसला
मंत्रालय ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) कहा कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच धार्मिक पूजा, मेलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, जुलूसों आदि के लिए बड़े समारोह आयोजित होते हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि इस तरह के आयोजनों के लिए आवश्यक निवारक उपायों का पालन किया जाए। ऐसे कार्यक्रम एक दिन या एक सप्ताह या उससे भी अधिक समय तक चलते हैं।
ALSO READ: 'नवदुर्गा उत्सव' को लेकर मध्यप्रदेश सरकार की नई गाइडलाइन जारी
एसओपी में कहा गया है कि जहां तक ​​संभव हो रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत या गाने बजाए जाएं और गायन समूहों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एसओपी के अनुसार भौतिक दूरी के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थलों में सभी स्थानों पर उचित चिह्न होना चाहिए। साथ ही केवल उन कर्मचारियों और आगंतुकों को ही आने की अनुमति दी जाए, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं।
 
एसओपी के अनुसार सभी कर्मचारियों और आगंतुकों को प्रवेश की अनुमति तभी दी जाएगी जब वे मास्क का उपयोग कर रहे हों। हर समय न्यूनतम छह फुट की भौतिक दूरी का पालन करने को भी कहा गया है। कई दिनों या हफ्तों तक चलने वाले कार्यक्रमों में हमेशा एक जैसी भीड़ नहीं होती है। आमतौर पर दिन के कुछ घंटों में ही भीड़ ज्यादा होती है।
ALSO READ: Unlock-5: शिक्षा मंत्रालय ने जारी की स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन
एसओपी के अनुसार कार्यक्रम की योजना इस प्रकार से बनायी जानी चाहिए ताकि भीड़ को नियंत्रित रखा जा सके और सुरक्षित सामाजिक दूरी का पालन हो सके। रैलियों और विसर्जन जुलूसों में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए और सामाजिक दूरी तथा मास्क पहनना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
 
एसओपी के अनुसार सक्षम अधिकारी स्थानीय आकलन के अनुसार अपने क्षेत्र में अतिरिक्त उपायों को लागू कर सकते हैं जो गृह मंत्रालय द्वारा दी गयी अनुमति के अनुरूप हो। इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग पर भी जोर दिया गया है। सामाजिक दूरी, मास्क जैसे प्रावधानों पर नजर रखने के लिए क्लोज-सर्किट कैमरे आदि पर विचार किया जा सकता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

कौन थे रजाकार, कैसे सरदार पटेल ने भैरनपल्ली नरसंहार के बाद Operation polo से किया हैदराबाद को भारत में शामिल?

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में बंजारुमाले गांव में हुआ 100 प्रतिशत मतदान

धीरेंद्र शास्‍त्री के भाई ने फिर किया हंगामा, टोल कर्मचारियों को पीटा

प्रवेश द्वार पर बम है, जयपुर हवाई अड्‍डे को उड़ाने की धमकी

दिल्ली में देशी Spider Man और उसकी Girlfriend का पुलिस ने काटा चालान, बाइक पर झाड़ रहा था होशियारी

बहू को हुआ सास से प्‍यार, पति के साथ नहीं सोने देती है, सास हुई परेशान

UP के डिप्टी सीएम मौर्य बोले, एक और पाकिस्तान बनाने का जहर बो रही है कांग्रेस

धनंजय सिंह को मिली इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत, नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

कौन है जेल से 20 दिन की पैरोल पर बाहर आया फलाहारी बाबा, क्‍या था मामला?

कांग्रेस का दावा, 2जी स्पेक्ट्रम मामले में दिखा भाजपा का पाखंड

अगला लेख