ICMR का बयान, Hydroxychloroquine का कोई दुष्प्रभाव नहीं, कर सकते हैं कोरोना में इस्तेमाल

Webdunia
बुधवार, 27 मई 2020 (08:30 IST)
नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को कहा कि भारत में हुए अध्ययनों में मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का कोई प्रमुख दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है और इसका प्रयोग कोविड-19 के एहतियाती इलाज में सख्त चिकित्सा पर्यवेक्षण में जारी रखा जा सकता है।
ALSO READ: WHO की ट्रंप को सलाह, परीक्षण कर ही वे लें hydroxychloroquine दवा
आईसीएमआर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोविड-19 के संभावित इलाज के लिए चल रहे एक वैश्विक औषधि परीक्षण से, सुरक्षा संबंधी चिंता के मद्देनजर वह अस्थायी रूप से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को हटाएगा। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ को उसके निर्णय को लेकर सोमवार रात में एक ई-मेल भेजा।
ALSO READ: अमेरिका के कई अस्पताल Covid 19 के इलाज में कर रहे Hydroxychloroquine का इस्तेमाल
एक सूत्र ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को अवगत कराया गया कि परीक्षण को अस्थायी रूप से स्थगित करने से पहले शायद सभी रिपोर्ट पर विचार नहीं किया गया। यही बात अन्य दवाओं के परीक्षण में भी रही होगी जिनके परीक्षण में भी अलग-अलग रिपोर्टें आ रही हैं। आईसीएमआर से भी मशविरा नहीं किया गया, जो भारत में परीक्षण कर रहा है।
 
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड-19 एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में जानकारी धीरे-धीरे सामने आ रही है और हमें नहीं पता कि कौन सी दवा काम कर रही है और कौन सी दवा काम नहीं कर रही है? कई दवाएं कोविड-19 के लिए इस्तेमाल के लिए निर्धारित की जा रही हैं, चाहे वे इससे बचाव के लिए हों या इलाज के लिए।
 
उन्होंने मंगलवार को यहां कहा कि इन 6 सप्ताह के दौरान हमें भारत में कुछ आंकड़े मिले, मुख्य तौर पर विश्लेषणात्मक अध्ययन और कुछ मामला नियंत्रण अध्ययन। हमने पाया कि मिचली आने, उल्टी आने और बेचैनी होने को छोड़कर कोई प्रमुख दुष्प्रभाव नहीं पाया है। इसलिए हम हमारे परामर्श में सिफारिश करते हैं कि इसका इस्तेमाल बचाव के लिए जारी रखना चाहिए, क्योंकि इससे कोई हानि नहीं है और लाभ जरूर हो सकता है।
 
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर सलाह दी गई है कि एचसीक्यू भोजन के साथ लेनी चाहिए, खाली पेट नहीं। उन्होंने कहा कि हमने इस बात पर भी जोर दिया है कि इलाज के दौरान ईसीजी किया जाना चाहिए। हमने एचसीक्यू के संभावित लाभ पर विचार करते हुए इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के अलावा कोविड-19 की रोकथाम में अग्रिम मोर्चे पर लगे कर्मियों पर भी करना शुरू किया है।
 
भार्गव ने कहा कि क्लोरोक्वीन एक बहुत पुरानी मलेरियारोधी दवा है जिसका इस्तेमाल करीब 100 वर्षों से किया जा रहा है और यह सुरक्षित भी है और इसका मलेरिया के लिए व्यापक इस्तेमाल किया जाता है।
 
उन्होंने कहा कि यह बहुत लोकप्रिय दवा थी, जब अमेरिकी सरकार ने भी इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया और उन्होंने इसके लिए त्वरित इस्तेमाल और आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी भी ली। हमने यह भी सोचा कि यह कोविड-19 से बचाव के लिए एक उपयोगी दवा होगी। उन्होंने कहा कि एचसीक्यू के जोखिम-लाभ अध्ययन एम्स, आईसीएमआर और दिल्ली में 3 सरकारी अस्पतालों में भी किए गए।
 
उन्होंने कहा कि हमने जोखिम और लाभों को देखते हुए पाया कि हमें कोविड-19 रोगियों के साथ काम करने वाले हमारे अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसको देने से इंकार नहीं करना चाहिए। साथ ही हमने यह भी कहा है कि पीपीई का उपयोग जारी रखा जाना चाहिए।
 
भार्गव, कोविड-19 पर देश में स्थिति को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। वहां उन्होंने उल्लेख किया कि आईसीएमआर ने जांच सुविधाएं बढ़ाई हैं और प्रतिदिन 1 लाख से अधिक व्यक्तियों की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोविड-19 मामलों के ठीक होने की दर में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है। उन्होंने कहा कि देश में ठीक होने की दर में सुधार जारी है और यह वर्तमान में 41.61 प्रतिशत है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Changur Baba : छांगुर बाबा की पूरी कहानी, धर्मांतरण का रैकेट और करोड़ों की संपत्ति, STF और ATS के चौंकाने वाले खुलासे

भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना : अब खुद भर सकेंगे अपनी जानकारी

प्रियंका और माही की बीमारी के आगे क्‍यों लाचार हुए पूर्व CJI, क्‍या है उनका बंगला कनेक्‍शन

UP : अंबेडकरनगर सरकारी आवास से मिले 22.48 लाख रुपए के 100 और 500 के पुराने नोट, ACMO की 11 साल पहले हुई थी मौत, बेड और अटैची से मिलीं नोटों की गड्डियां

क्यों डरे हुए हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, घर और बाहर दोनों जगह घिरे

सभी देखें

नवीनतम

भोपाल में 90 डिग्री पुल के बाद एक्टिव हुआ PWD विभाग, निर्माणाधीन पुलों की जांच के लिए बनी कमेटी, इंदौर सांसद ने भी लिखा पत्र

Mohan Cabinet Decision : 49 हजार से अधिक पद मंजूर, किसानों को राहत, जलकर माफ, मोहन कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसले

महाराष्ट्र में उद्धव और राज ठाकरे क्‍यों आए साथ, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने दिया जवाब

भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले आरओबी के बाद इंदौर में बन रहे पुल के डिजाइन पर उठे सवाल, सांसद ने लोक निर्माण मंत्री को लिखा पत्र

Starlink को INSPACe की हरी झंडी, भारत में 5 साल तक Satellite Internet

अगला लेख