इंदौर में 34,104 लोगों ने कोरोना को हराया, 8 माह में मात्र 5% लोगों ने डोनेट किया प्लाज्मा

Webdunia
रविवार, 22 नवंबर 2020 (14:26 IST)
इंदौर। कोरोनावायरस के प्रकोप को लंबा समय गुजरने के बावजूद प्लाज्मा दान को लेकर जन मानस में हिचक बरकरार है। इसकी तसदीक इन आंकड़ों से होती है कि जिले में पिछले 8 महीनों के दौरान महामारी से उबरे कुल 34,104 लोगों में से 5 प्रतिशत से भी कम व्यक्तियों ने प्लाज्मा दान में दिलचस्पी दिखाई है। प्लाज्मा दानदाताओं का यह टोटा उस इंदौर जिले में है जो राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित है।

शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अशोक यादव ने रविवार को बताया कि जिले में 24 मार्च से कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने से लेकर अब तक उनकी इकाई के जरिये करीब 1,200 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। उन्होंने बताया कि ये वे लोग हैं जो इलाज के बाद महामारी से उबर चुके हैं।

यादव ने बताया, ‘हमने अलग-अलग स्थानों पर विशेष शिविर लगाकर भी प्लाज्मा जमा किए हैं ताकि कोविड-19 के मरीजों के इलाज में मदद मिल सके। इन शिविरों में महामारी से उबर चुके डॉक्टरों के साथ ही पुलिस और थल सेना के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी प्लाज्मा दान किया है।‘

उन्होंने माना कि कोविड-19 की नई लहर के कारण इन दिनों प्लाज्मा की मांग फिर से बढ़ रही है। लेकिन इसके मुकाबले प्लाज्मा दानदाताओं का रुझान ठंडा बना हुआ है।

निजी क्षेत्र का श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) जिले में कोविड-19 का सबसे व्यस्त अस्पताल है जहां अब तक 7,633 लोग इलाज के बाद इस महामारी से उबरकर घर लौट चुके हैं।

हालांकि, सैम्स में प्लाज्मा थेरेपी के प्रभारी डॉ. सतीश जोशी ने बताया कि इनमें से केवल 382 लोग प्लाज्मा दान करने अस्पताल पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि यह देखा गया है कि कोविड-19 से उबरने के बाद ज्यादातर लोग अपनी अलग-अलग आशंकाओं के कारण दोबारा अस्पताल आने से कतराते हैं, जबकि प्लाज्मा दान बिल्कुल सुरक्षित है।

परमार्थिक क्षेत्र के चोइथराम हॉस्पिटल के उप निदेशक (चिकित्सा सेवाएं) डॉ. अमित भट्ट ने बताया कि उनके अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों के इलाज में मदद के लिए करीब 20 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है।

जानकारों ने बताया कि कोविड-19 से उबर चुके लोगों के खून में "एंटीबॉडीज" बन जाती हैं जो भविष्य में इस बीमारी से लड़ने में उनकी मदद करती हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए व्यक्ति के खून से प्लाज्मा अलग किया जाता है। फिर इस स्वस्थ व्यक्ति के प्लाज्मा को महामारी से जूझ रहे मरीज के शरीर में डाला जाता है ताकि उसे संक्रमणमुक्त होने में मदद मिल सके।


अधिकारियों ने बताया कि करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च से लेकर 21 नवंबर तक कोविड-19 के कुल 37,661 मरीज मिले हैं। इनमें से 732 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2,825 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

दैत्यों के साथ जो होता है, वही हुआ, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर बोलीं कंगना रनौत

मराठवाड़ा में महायुति की 46 में से 40 सीटें, क्या फेल हो गया मनोज जरांगे फैक्टर

संभल मामले में अखिलेश यादव का बड़ा बयान, हिंसा के लिए इन्‍हें ठहराया जिम्मेदार

बावनकुले ने बताया, कौन होगा महाराष्‍ट्र का अगला मुख्‍यमंत्री?

सभी देखें

नवीनतम

संभल हिंसा पर कांग्रेस का बयान, बताया BJP-RSS और योगी आदित्यनाथ की साजिश

Delhi Pollution : दिल्ली में प्रदूषण घटा, 412 से 318 पर पहुंचा AQI

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

Maharashtra Assembly Election Results 2024 : महाराष्ट्र में हार शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, EVM को लेकर दिया बयान

मस्‍क और रामास्वामी को लेकर सलाहकार ने दी चीन को यह चेतावनी

अगला लेख