मॉडर्ना, फाइजर, स्पूतनिक-V की तुलना में भारत के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है Oxford-AstraZeneca का टीका, जानिए क्यों

Webdunia
मंगलवार, 24 नवंबर 2020 (22:14 IST)
नई दिल्ली। कम मूल्य और अधिक तापमान पर भी भंडारण होने की विशेषता को देखते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का कोविड-19 टीका भारत के लिए अधिक अनुकूल है और यह मॉडर्ना, फाइजर या स्पूतनिक वी जैसे टीके की तुलना में अधिक व्यवहार्य विकल्प है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रस्तुत डेटा अभी प्रारंभिक स्तर के हैं, इसलिए अभी इसका पूर्ण विश्लेषण कर पाना मुश्किल है।
 
कई वैज्ञानिकों ने मंगलवार को कहा कि इसको लेकर बहुत उम्मीद की जा रही है और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका फिलहाल शुरुआत करने के लिए एक अच्छा विकल्प है, लेकिन यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि ये आंकड़े अस्थायी हैं और इसको लेकर एक पूर्ण विश्लेषण करना अभी मुश्किल है।
ALSO READ: मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में बोले PM मोदी, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में न बरतें थोड़ी भी ढिलाई
प्रमुख फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को घोषणा की कि ब्रिटेन और ब्राजील में इसके कोविड-19 टीके के नैदानिक ​​परीक्षणों के अंतरिम विश्लेषण से पता चला है कि यह औसतन 70 प्रतिशत प्रभावी है।
 
ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से निर्मित होने वाला सीएचएडीओएक्स1 एनकोव-2019 टीका, तीसरे चरण के ​​परीक्षण के दौरान 70.4 प्रतिशत प्रभावी पाया गया। प्रतिभागियों को इसकी दो खुराक दिए जाने के बाद सामने आए डेटा को मिलाया गया, तो यह नतीजा सामने आया। हालांकि दो अलग-अलग खुराक में, टीके का प्रभाव एक में 90 प्रतिशत, और दूसरे में 62 प्रतिशत रहा।
 
‘ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप’ के निदेशक और ‘ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल’ के मुख्य जांचकर्ता एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि इन निष्कर्षों से पता चलता है कि हमारे पास एक प्रभावी टीका है जो अनेक लोगों की जान बचाएगा। उत्साहजनक रूप से, हमने पाया है कि हमारी खुराक में से एक लगभग 90 प्रतिशत प्रभावी हो सकती है। हालांकि विषाणु विज्ञानी उपासना रे ने कहा कि हमें खुश होना चाहिए लेकिन सतर्क भी रहना चाहिए।
ALSO READ: एक्शन में योगी, UP में लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश, 10 साल की सजा का प्रावधान
कोलकाता स्थित सीएसआईआर-आईआईसीबी की वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अंतरिम परिणाम आशाजनक दिखते हैं, लेकिन विशेषज्ञों द्वारा इसकी पूर्ण समीक्षा की रिपोर्ट के बिना इसका पूरी तरह से विश्लेषण करना मुश्किल होगा।
 
रे ने कहा कि अभी इसे लेकर जानकारी की कमी है कि क्यों कम खुराक ने बेहतर प्रभावी परिणाम दिए या शून्य से नीचे तापमान पर भंडारण की स्थिति के बिना इस टीके को रेफ्रिजरेटर में कब तक संग्रहीत किया जा सकता है। इसके अलावा परीक्षण पूरा होने के बाद इसके परिणाम बदल भी सकते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि अन्य टीकों की तुलना में ऑक्सफोर्ड का टीका फिलहाल शुरुआत करने के लिए एक अच्छा विकल्प प्रतीत हो रहा है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

इस बार मैं अपना आपा नहीं खोने वाला हूं, जस्टिस पारदीवाला ने क्यों कही यह बात

1 लीटर दूध के लिए बुजुर्ग महिला ने गंवाए 18.5 लाख रुपए

आजादी के बाद पहली बार उत्तर महाराष्ट्र के 4 आदिवासी गांवों में फहराया गया तिरंगा

कैसा होगा अगली पीढ़ी का GST, इसका क्या होगा फायदा

स्वामी रामदेव बोले, रूस एवं चीन से मिलकर भारत करेगा अमेरिकी गुंडागर्दी खत्म

सभी देखें

नवीनतम

म्यांमार में सेना ने किए हवाई हमले, 21 लोगों की मौत, 7 घायल, 15 घर क्षतिग्रस्त

क्या भारत से दोस्ती सिर्फ दिखावा है, चीन ने पाकिस्तान को सौंपी हंगोर श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी

ट्रंप ने कही पुतिन के मन की बात, जेलेंस्की डोनबास का इलाका रूस को सौंपें

महायुति सरकार ने पाप का घड़ा फोड़ दिया, CM फडणवीस ने किस पर साधा निशाना

कटी-फटी आजादी मिली, एक दिन इस्लामाबाद में फहराएंगे तिरंगा : विजयवर्गीय

अगला लेख