अमेरिका में Corona राहत पैकेज के लिए संसद के सत्र का होगा आयोजन

Webdunia
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020 (12:58 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका में कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए एक हजार अरब डॉलर के आर्थिक राहत पैकेज को लेकर गुरुवार को भी गतिरोध दूर नहीं हो पाया। कानून के पारित नहीं होने के कारण अब सप्ताहांत में संसद के सत्र का आयोजन करना पड़ सकता है।

एक शीर्ष सांसद ने कहा कि संघीय सरकार का कामकाज इस सप्ताहांत में रुकने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकतासभी पक्षों को उम्मीद है कि गतिरोध का असर कानून पारित करने पर नहीं होगा।

इस कानून में कारोबारों की मदद के लिए 300 अरब डॉलर, बेरोजगारों के लिए हर सप्ताह 300 डॉलर का भत्ता, जरूरतमंद लोगों को 600 डॉलर का भुगतान, टीका वितरण कोष और किराया, स्कूल के शुल्क, डाक सेवा और अन्य लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए रकम की व्यवस्था की जाएगी।

सांसदों से इस सप्ताहांत पर संसद के सत्र में मौजूद रहने और संबंधित कानून पर मतदान में हिस्सा लेने के लिए कहा गया है। इस तरह के बड़े और महत्वपूर्ण कानून में देरी होना कोई असामान्य नहीं है, लेकिन सांसद छुट्टियों के लिए जल्द से जल्द वॉशिंगटन से अपने राज्यों में लौटना चाहते हैं।

मार्च में डिजिटल तरीके से आयोजित सत्र के बाद आर्थिक पैकेज का यह पहला बड़ा विधेयक है। मार्च में पारित केयर्स कानून से अर्थव्यवस्था के लिए 1.8 हजार अरब डॉलर की मदद की गई थी। इसके तहत बेरोजगारों को हर सप्ताह 600 डॉलर का बोनस और जरूरतमंद लोगों को 1200 डॉलर की रकम देने की व्यवस्था की गई थी।

रिपब्लिकन पार्टी कारोबारियों, बेरोजगारों की मदद, स्कूलों के शुल्क और टीका के लिए कुछ और रियायत देने का प्रावधान करना चाहती है, जबकि, डेमोक्रेटिक पार्टी बड़े आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज तथा महामारी के दौरान वित्तीय संकट का सामना करने वालों की और ज्यादा मदद पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

आर्थिक मदद की व्यवस्था की तुरंत इसलिए भी जरूरत है क्योंकि गुरुवार को आए आंकड़ों से पता चला कि पिछले सप्ताह बेरोजगारी भत्ते के लिए 8,85,000 लोगों ने आवेदन किया है। इस तरह, सितंबर के बाद से सबसे ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि अगले साल की शुरुआत में और ज्यादा आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत पड़ेगी, जबकि रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि वर्तमान पैकेज अंतिम हो सकता है।(भाषा)

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