मुंबई। केंद्र और राज्य सरकारों के लिए कोविड-19 रोधी टीकों की अलग-अलग कीमतों को चुनौती देते हुए बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसएसआई) और भारत बायोटेक को टीका 150 रुपए प्रति खुराक की एक समान दर से बेचने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
वकील फैजान खान और कानून के 3 छात्रों द्वारा 24 अप्रैल को दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि टीके को एक आवश्यक वस्तु माना गया है और इसलिए इसका प्रबंधन तथा वितरण निजी कंपनियों के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता। इसमें कहा गया है कि ये दिग्गज दवा कंपनियां कोविड-19 के कारण बढ़ी मृत्यु दर के डर को भुना रही हैं।
जनहित याचिका में केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को टीकों के लिए खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए कहने के औचित्य पर भी सवाल उठाया गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार का किसी भी नागरिक के स्वास्थ्य की रक्षा करने का संवैधानिक दायित्व है और इसमें कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। राज्य सरकारों को केंद्र और निजी अस्पतालों से टीका खरीदने के लिए खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए कहना सही नहीं है।
याचिका में उच्च न्यायालय से कोविशील्ड के लिए एसआईआई और कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक द्वारा घोषित कीमतों को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही इसमें सभी नागरिकों के लिए टीके की कीमत 150 रुपए तय करने का निर्देश देने का आग्रह भी किया गया है। यह याचिका तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ के समक्ष पेश हो सकती है। (भाषा)