इंदौर के Corona मरीजों पर परखी जाएगी प्लाज्मा थेरेपी, ICMR की निगरानी में होगा परीक्षण

Webdunia
मंगलवार, 28 अप्रैल 2020 (00:57 IST)
इंदौर। देश में कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 संक्रमण के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर का एक और अस्पताल इस महामारी के गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण की तैयारी कर रहा है। यह परीक्षण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की निगरानी में किया जाना है।

शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अशोक यादव ने सोमवार को बताया, सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो हम इसी हफ्ते शासकीय मनोरमा राजे टीबी (एमआरटीबी) चिकित्सालय के मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल (परीक्षण) शुरू कर देंगे। फिलहाल इस अस्पताल में कोविड-19 के ही मरीजों का इलाज चल रहा है।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण के लिए कई वैश्विक चिकित्सा संस्थान जुटे हैं। भारत में इसके लिए आईसीएमआर के साथ काम कर रहे चुनिंदा अस्पतालों में एमवाईएच शामिल है।

यादव ने कहा, शुरूआत में हम गंभीर हालत वाले छह से आठ मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण के बारे में विचार कर रहे हैं। इसके लिए मरीजों की पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़े इस परीक्षण में भाग लेकर अपना प्लाज्मा दान करने के लिए तीन लोग आए हैं जिनमें एमवाईएच के दो डॉक्टर और इस सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक का एक तकनीशियन शामिल हैं। ये तीनों लोग इलाज के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं जिनमें एक महिला डॉक्टर भी है।

यादव, एमवाईएच के ब्लड बैंक के निदेशक भी हैं। उन्होंने कहा, हम अंतरराष्ट्रीय मापदंडों पर आईसीएमआर के मार्गदर्शन में यह परीक्षण करेंगे और इसके परिणामों को प्रकाशित कर वैश्विक मेडिकल समुदाय को इनसे अवगत कराएंगे, ताकि कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में मदद कर सकें।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के 1207 मरीज मिल चुके हैं और इनमें से 60 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। इलाज के बाद स्वस्थ होने पर 123 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक, इंदौर जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है।

इंदौर के निजी क्षेत्र का श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह कोविड-19 के तीन गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग कर रहा है। जानकारों ने बताया कि कोविड-19 से पूरी तरह उबर चुके लोगों के खून में ‘एंटीबॉडीज’ बन जाती है, जो भविष्य में इस बीमारी से लड़ने में उनकी मदद करती है।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए व्यक्ति के खून से प्लाज्मा अलग किया जाता है। फिर इस स्वस्थ व्यक्ति के प्लाज्मा को महामारी से जूझ रहे मरीज के शरीर में डाला जाता है, ताकि उसे संक्रमण मुक्त होने में मदद मिल सके।(भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : साइकल चालक की दुर्घटना में मौत, बीमा कंपनी ने परिजन से मांगा ड्राइविंग लाइसेंस, उपभोक्ता आयोग ने सुनाया यह फैसला

कौन हैं AIADMK के पलानीस्वामी, जिन पर भाजपा ने भरोसा दिखाया?

पराली ने घोला इंदौर की हवा में जहर, घरों तक आया काला कचरा, IIT Indore ने किया था अलर्ट, क्‍यों नहीं हो रही कार्रवाई?

पिछड़ी जातियों को लेकर आंध्र के CM चंद्रबाबू नायडू ने किया यह वादा

ट्रंप टैरिफ पर भारत को बड़ी राहत, 9 जुलाई तक नहीं लगेगा अतिरिक्त शुल्क

सभी देखें

नवीनतम

इलेक्ट्रिक वाहन नीति से तैयार होंगी 20000 नौकरियां, जानिए क्‍या है दिल्ली सरकार का प्‍लान

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर दिल्ली के लाल किले में हो रहे सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य की प्रस्तुति की पहल को सराहा

Waqf को लेकर BJP ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना, प्रदर्शनों के नाम पर भड़का रहीं हिंदू विरोधी हिंसा

आगरा में करणी सेना के कार्यकर्ता उग्र, अखिलेश यादव का बयान- यह सेना वेना सब नकली है

AI का पत्रकारिता पर असर: अवसर या संकट, स्टेट प्रेस क्लब मध्य प्रदेश के पत्रकारिता महोत्सव में उठे सवाल

अगला लेख