नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि नीतिगत दरों में कटौती, तीन महीने तक ऋण की किश्तों की वसूली नहीं करने और कार्यशील पूंजी पर ब्याज की वसूली 3 माह तक टालने का निर्णय कोरोना वायरस (Corona virus) के प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए उठाया गया बड़ा कदम है।
मोदी ने रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनों की आज समाप्त बैठक के बाद एक ट्वीट कर कहा है कि केन्द्रीय बैंक के इस निर्णय से तरतला में सुधार होने के साथ ही पूंजी की लागत कम होगी और मध्यम वर्ग तथा कारोबारियों को मदद मिलेगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी तरह के ऋण के किश्तों की तीन महीने तक वसूली टालने और कार्यशील पूंजी पर इस दौरान ब्याज की वसूली से राहत देने के रिजर्व बैंक के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि नीतिगत दरों में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को तत्काल दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का यह बयान स्वागत योग्य है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव वर्ष 2008-09 के वैश्विक आर्थिक संकट से भी अधिक मजबूत है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रिजर्व बैंक के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नीतिगत दरों में कमी किए जाने कारोबारियों और उद्यमियों पर ब्याज का बोझ कम होगा तथा इससे आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।