परमवीर चक्र विजेता के बेटे तक को नहीं मिली ऑक्सीजन, कानपुर में दम तोड़ा

अवनीश कुमार
शनिवार, 24 अप्रैल 2021 (10:23 IST)
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण तेजी से फैल रहा है और मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही चली जा रही है। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए जा रहे बड़े-बड़े दावों की पोल भी खुल गई है। 
 
1965 की लड़ाई में अपनी जान की परवाह न करते हुए छोटी सी गन माउंटेन जीप में बैठकर पाकिस्तान के खतरनाक पैटन टैंक तबाह करने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन (61) का उचित इलाज के अभाव में हैलट अस्पताल में निधन हो गया है।
 
परिजनों ने हैलट अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि प्रशासन ने उनकी एक न सुनी और ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए वह कहते-कहते थक गए, लेकिन अस्पताल ने कोई इंतजाम नहीं किया।
 
3 दिन पहले हुए थे भर्ती : अब्दुल हमीद मूलत: गाजीपुर के रहने वाले थे और उनके चार बेटे हैं। इनमें से दूसरे नंबर के बेटे अली हसन अपने परिवार के साथ कानपुर के सैयद नगर में रहते थे। कुछ दिन पूर्व ही वह आर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) से सेवानिवृत्ति हुए थे। 
 
अब्दुल हमीद के पोते सलीम ने बताया कि 21 अप्रैल की रात उनके पिता को खांसी आना शुरू हुई और देखते ही देखते उनका ऑक्सीजन लेवल तेजी नीचे आ गया। पिता की बिगड़ती हालत देख सलीम उन्हें हैलट अस्पताल लेकर आए थे। 
 
वहां पर कुछ दवाइयां व ऑक्सीजन मिलने से उनकी हालत में थोड़ा सुधार आ गया, लेकिन करीब 3 से 4 घंटे बाद डॉक्टरों ने ऑक्सीजन हटा दी। जब सलीम ने इसका विरोध किया तो डॉक्टरों ने कहा कि अब उनकी हालत ठीक है और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। 
 
ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए करता रहा गुजारिश : सलीम ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन हटाने के बाद उनके पिता की हालत फिर से बिगड़ गई। वह डॉक्टरों से ऑक्सीजन लगाने के लिए निवेदन करता रहा, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा देने से इंकार कर दिया। 
 
सलीम ने बताया कि उन्होंने डॉक्टरों से बार-बार कहा कि उसके बाबा (अब्दुल हमीद) ने देश के लिए शहादत दी थी। उनकी शहादत को याद करते हुए ही मेरे पिता को ऑक्सीजन मुहैया करा दें, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी एक न सुनी। इसके चलते ऑक्सीजन लेवल गिरता चला गया और शुक्रवार को अली हसन का निधन हो गया।
 
सलीम ने बताया कि वह डॉक्टरों से लगातार दो दिन तक कोरोना की जांच भी करवाने के लिए कहते रहे पर डॉक्टरों ने उनकी जांच भी नहीं करवाई, जबकि जो दिक्कतें उनके पिता को हो रही थीं, वह कोरोना संक्रमण के ही लक्षण थे। 
 
क्या बोले जिम्मेदार : शहीद अब्दुल हमीद के पोते द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर मेडिकल कॉलेज के संबंधित अधिकारियों व जिला प्रशासन से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक संपर्क नहीं हो पाया है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Uttarakhand : जनता के लिए खुलेगा ऐतिहासिक राष्ट्रपति आशियाना, देहरादून में हुई उच्चस्तरीय बैठक

मायावती का बड़ा फैसला, बसपा नहीं लड़ेगी उपचुनाव

Uttarakhand : केदारनाथ में कांग्रेस को भारी पड़ा नकारात्मक प्रचार, जनता ने विकास पर लगाई मुहर

LIVE: संसद में अडाणी मामले में मचेगा घमासान, कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक से पहले की यह मांग

संभल में भारी तनाव, मस्जिद सर्वे के लिए आई टीम पर हमला, क्षेत्र छावनी में तब्दील

अगला लेख