Special Story : फ्रांस किस तरह लड़ रहा है Corona से और वहां क्या बदला...

प्रेसीडेंट मैक्रों ने नागरिक सुरक्षा के लिए उठाए हैं उचित कदम-क्लाउडी

डॉ. रमेश रावत
पूरी दुनिया की तरह फ्रांस भी खतरनाक वायरस कोविड-19 (Corona Virus) महामारी से जूझ रहा है। फ्रांस में  6 मई तक करीब 1 लाख 70 हजार से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 25 हजार ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 
 
फ्रांस की एक 60 वर्षीय महिला क्लाउडी एलेन ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि किस तरह फ्रांस की सरकार कोरोना संक्रमण के कारण जीवन में आ रही चुनौतियों और इससे बचने के उपायों पर काम कर रही है। फ्रांस के एक छोटे शहर ब्रीसुईरी में रहने वाली क्लाउडी ने यह भी बताया कि इस बीमारी के बाद फ्रांस में किस तरह के बदलाव आए हैं। ब्रीसुईरी की जनसंख्या 19 हजार है एवं यह पश्चिमी फ्रांस में पेरिस से 400 किलोमीटर दूर है। 
 
एलेन ने बताया कि हमारे प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस के हर नागरिक की सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाए हैं। जब सरकार को कोरोना के संक्रमण और इसकी भयावहता के बारे में पता लगा तो नागरिकों को बचाने के लिए तत्काल उचित कदम उठाए। इस वायरस ने इटली में जो तांडव किया उससे सीख लेते हुए फ्रांस ने अपने यहां काफी सुधार किए। 
स्थितियां बेहतर हो रही हैं : उन्होंने बताया कि सबसे पहले पूर्वी फ्रांस में सरकार ने निर्णय लेते हुए स्कूलों को बंद किया एवं सरकार ने नागरिकों को घर पर ही रहने को कहा। इसके चलते अस्पताल में काम करने वाले व्यक्तियों को छोड़कर कोई भी व्यक्ति काम पर नहीं गया एवं सभी ने घर पर रहने का निर्णय लिया। ऐसा फ्रांस में पहली बार हुआ था। इसके साथ ही फ्रांस की सरकार ने नागरिकों को समय-समय पर नियमित रूप से स्थितियों से अवगत कराया। अब परिस्थितियां अनुकूल हैं एवं बेहतर होती जा रही हैं। 
 
हम आरामदायक स्थिति में हैं एवं सरकार द्वारा तय किए सभी नियमों का सम्मान करते हुए उनका पालन कर रहे हैं। हम भाग्यशाली हैं कि एक सुविधाजनक मकान में रह रहे हैं। क्लाउडी ने बताया कि मैं जिस शहर में रह रही हूं वहां कोरोना का इतना प्रकोप नहीं है।
 
वे कहती हैं कि मैं उन व्यक्तियों की परेशानियों को समझ सकती हूं जो कि छोटे फ्लैट या मकानों में रह रहे हैं। साथ ही जो बच्चे एवं विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज नहीं जा सके हैं, उनकी हालत भी समझ सकती हूं। हो सकता है उनमें से कुछ विद्यार्थी तो अपने शैक्षणिक जीवन का एक साल भी खो दें। 
टेक्नोलॉजी बनी मददगार : उन्होंने बताया कि हम टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। इसके साथ ही अपने परिजनों एवं मित्रों के संपर्क में हैं। हम सामान्य गतिविधियों में ही अपना जीवन बिता रहे हैं। सप्ताह में एक बार हम बाहर जाकर भोजन सामग्री खरीदते हैं। प्रतिदिन एक घंटा घूमने के लिए भी निकलते हैं। इस दौरान हम एक डॉक्युमेंट भरकर अपना पासपोर्ट भी साथ में रखते हैं। 
 
एलेन ने कहा- मैं अब हालात को अपना चुकी हूं और फैमेलियर भी हो गई हूं। मैं एवं मेरे पति रिटायर्ड हो चुके हैं। कोरोना वायरस के दौरान यहां करीब 8 मिलियन लोगों ने काम करना बंद कर दिया है। इसके लिए यहा सरकार सहायता कर रही है एवं जॉब सेंटर के माध्यम से इन्हें 84 प्रतिशत सैलरी दी जा रही है। इसके साथ ही सरकार गरीब लोगों की भोजन आदि के लिए मदद कर रही है। इसके साथ ही कंपनियां भी मदद कर रही हैं। हम जानते हैं कि यह रोजगार संरक्षण के लिए पर्याप्त नहीं है। मगर इसके अतिरिक्त कोई हल भी तो नहीं है। 
 
उन्होंने बताया कि मैं घर में ही खाना पकाती हूं। भारतीय भोजन भी बनाती हूं। मनोरंजन के लिए हम टीवी देखते हैं। हालांकि टीवी सीरीज में मेरी इतनी रुचि नहीं है। इस दौरान पढ़ना, ड्राइंग बनाना, संगीत सुनने में भी जीवन व्यतीत हो रहा है। यह प्रतिदिन की दिनचर्या का एक हिस्सा बन चुका है। शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए एक घंटा रोज घूमने जाती हूं। इसके साथ ही फेसबुक इंस्टाग्राम पर सक्रिय रहती हूं। 
 
वाकई बहुत मुश्किल दौर है : क्लाउडी ने बताया कि यह अकल्पनीय है कि लोग अपने परिजनों की अनुपस्थिति में अस्पताल में मर रहे हैं, लेकिन यह सच है। यह वाकई एक मुश्किल दौर है। डाक्टर्स अपनी पूर्ण क्षमताओं के साथ कार्य कर रहे हैं, लेकिन सभी लोगों को बचाना उनके हाथ में भी नहीं है, विशेषकर वृद्ध लोगों को।
उन्होंने कहा कि वायरस का दुनिया के हर व्यक्ति पर प्रभाव पड़ा है। हम नहीं जानते हैं कि इससे हम कब मुक्त हो पाएंगे, लेकिन परिवर्तन जरूर आएगा। वर्तमान में अरबों लोग एक सीमित दायरे में जी रहे हैं। हालांकि हम सभी इस समय का उपयोग कर पृथ्वी को और बेहतर बनाने के के बारे में सोच सकते हैं। हमें जीवन जीने का नया तरीका सीखना होगा और कभी नहीं भूलना होगा कि 2020 में दुनिया में क्या हुआ। 
 
हम फ्रांस में 11 मई का लॉकडाउन पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। देखते हैं कि यह लॉकडाउन पूरी तरह खत्म होता है या नहीं।
 

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