कोरोना से ठीक होने के बाद ‘लॉन्ग कोविड’ बनी समस्‍या, क्‍या कहती है यह रिसर्च

Webdunia
शुक्रवार, 27 अगस्त 2021 (11:32 IST)

कोविड-19 के मरीजों को एक साल तक बीमारी के लक्षण रह सकते हैं। इलाज के एक साल बाद भी सांस की कमी और थकान से लोगों के प्रभावित होने का पता चला है।

चीनी रिसर्च में महामारी के लंबे समय तक पड़ने वाले स्वास्थ्य प्रभावों को समझने की जरूरत बताई गई है। कोविड-19 को मात देकर अस्पताल से निकलने वाले आधे मरीज कम से कम अभी भी एक लगातार लक्षण से पीड़ित हैं।

ब्रिटिश मेडिकल पत्रिका दि लैंसेट में प्रकाशित लेख में बताया गया कि 12 महीनों बाद मरीजों ने अक्सर थकान या मांसपेशी में कमजोरी रहने की बात कही। इस स्थिति पर अभी तक के किए गए सबसे बड़े रिसर्च को 'लॉन्ग कोविड' का नाम दिया गया है। बताया गया कि समस्या का पता चलने के एक साल बाद तीन मरीजों में से एक को अभी तक सांस की समस्या से जूझना पड़ा है। बीमारी से बुरी तरह प्रभावित मरीजों में संख्या और भी ज्यादा है।

लैंसेट के संपादकीय में कहा गया, "स्थापित इलाज या पुनर्वास मार्गदर्शन के न होने से लॉन्ग कोविड लोगों की सामान्य जिंदगी जीने और उनके काम करने की क्षमता को दोबारा शुरू करने पर असर डाल रहा है।"

रिसर्च से पता चलता है कि कई मरीजों को बीमारी से पूरी तरह ठीक होने में 1 साल से अधिक समय लगेगा। जनवरी और मई 2020 के बीच चीनी शहर वुहान में कोविड-19 के इलाजरत करीब 1,300 लोगों को रिसर्च का हिस्सा बनाया गया।

चीन का शहर वुहान कोरोना महामारी से प्रभावित होने वाला पहला शहर था। उस वक्त से लेकर अब तक 214 मिलियन लोग संक्रमित और 4 मिलियन से अधिक की मौत हो चुकी है। रिसर्च के मुताबिक, कम से कम एक लक्षण वाले रोगियों का हिस्सा छह महीनों बाद 68 फीसद से घट गया और  12 महीनों बाद कम होकर 49 फीसद पर आ गया। मरीजों को सांस की तकलीफ छह महीनों बाद 26 फीसद से ज्यादा हो गई जबकि 12 महीनों बाद बढ़कर 30 फीसद।

रिसर्च के दौरान पाया गया कि थकान या निरंतर मांसपेशी में कमजोरी से पीड़ित होने की 43 फीसद प्रभावित महिलाओं को प्रभावित पुरुषों के मुकाबले ज्यादा संभावना थी और डिप्रेशन और चिंता का पता होने से दो गुना ज्यादा। वर्तमान रिसर्च पूर्व के रिसर्च का समर्थन करती है, जिसमें चेताया गया है कि विभिन्न देशों के अधिकारियों को कोविड से प्रभावित स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों के लिए लंबे समय तक सुविधा उपलब्ध कराने पर तैयार रहना चाहिए।

लॉन्ग कोविड एक आधुनिक चुनौती है, इसलिए उससे जूझने वाले मरीजों की बेहतर देखभाल और स्थिति को समझने के लिए और रिसर्च करने की मांग की गई है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Sindoor पर घमासान, भारतीय राजनीति में मीर जाफर और जयचंद की इंट्री

क्या है ऑपरेशन 'मीर जाफर', जिसमें हो रही है देश के गद्दारों की गिरफ्तारी, अब तक 13 गिरफ्त में

आसिम मुनीर को बनाया फील्ड मार्शल, पाकिस्तानी सरकार ने दिया कट्‍टरपंथी जनरल को इनाम

Airtel और Google की partnership से ग्राहकों को फायदा, Free मिलेगी यह सुविधा

क्या है कोरोना का JN.1 वेरिएंट, भारत में कितने मामले, वायरस से देश में कितना खतरा, सरकार कितनी तैयार, किन बातों का आपको रखना होगा ध्यान

सभी देखें

नवीनतम

आसिम मुनीर का प्रमोशन, पाकिस्तान ने क्यों बनाया फील्ड मार्शल?

LIVE: ऑपरेशन सिंदूर पर खुलेगी पाकिस्तान की पोल, शिंदे के नेतृत्व में आज UAE रवाना होगा पहला डेलिगेशन

भारत के हाथ लगी नवीनतम चीनी मिसाइल, टेक्नोलॉजी का हो सकता है खुलासा

पहलगाम आतंकी हमले के बाद असम में 73 पाकिस्तानी एजें‍ट गिरफ्तार, क्या बोले CM हिमंत सरमा

फैज की नज्म पढ़ी तो अभिनेता की पत्नी पर हो गया मुकदमा, आयोजक भी नप गए

अगला लेख