Corona से दुनियाभर में मरने वालों की संख्या डेढ़ लाख हुई, Lockdown को डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन

Webdunia
शनिवार, 18 अप्रैल 2020 (20:38 IST)
वॉशिंगटन। कोरोना वायरस (Corona virus) से होने वाली मौतों का आंकड़ा दुनियाभर में 1,50,000 के पार चला गया है जिसमें से करीब एक चौथाई मौत केवल अमेरिका में हुई हैं। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉकडाउन के आदेशों के खिलाफ देश में हो रहे प्रदर्शनों को अपना समर्थन दिया है।

इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि भौतिक दूरी बनाने से वैश्विक महामारी का प्रकोप कम हुआ है, खासकर तब, जब विश्व की आधी से ज्यादा आबादी यानी 4.5 अरब लोग अपने घरों में कैद हैं। दुनियाभर की सरकारें अब इस माथापच्ची में लगी हैं कि बंद में कब और कैसे ढील दी जाए जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को संकट में डाल दिया है जबकि कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या सर्वाधिक प्रभावित देशों में और बढ़ रही है।

अमेरिका के तीन राज्यों में प्रदर्शनकारी इस हफ्ते जमा हुए और प्रतिबंध हटाने की मांग की। यहां सबसे बड़ा प्रदर्शन मिशिगन में हुआ जहां 3,000 लोग एकत्र हुए जिनमें से कुछ के पास हथियार भी थे। ट्रंप ने बंद में छूट देने का फैसला ज्यादातर राज्य के अधिकारियों पर छोड़ा हुआ है जबकि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने के लिए निर्देशों की भी रूपरेखा तैयार की है।

दुनियाभर में संक्रमण की चपेट में आए 22 लाख लोगों में से करीब एक तिहाई अमेरिका में हैं। यहां दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा 37,000 मौत हुई हैं। इसके बाद इटली, स्पेन और फ्रांस में बड़े पैमाने पर जनहानि हुई है।

हालांकि ये आंकड़े असल संक्रमित लोगों की वास्तविक संख्या को कुछ हद तक ही दिखाते हैं क्योंकि कई देश केवल गंभीर मामलों की जांच कर रहे हैं। असल में दुनिया का कोई कोना ऐसा नहीं बचा है जो कोरोना वायरस के असर से अछूता हो। अफ्रीका में रातभर में मृतकों की संख्या 1,000 के पार पहुंच गई।

नाइजीरिया ने शनिवार को राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी के शीर्ष सहयोगी की मौत की घोषणा की। वह अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले राष्ट्र में वायरस की चपेट में आने वाले उच्च पद पर आसीन व्यक्ति हैं। चीन ने वुहान शहर में 1,290 और लोगों की मौत की जानकारी जोड़ने के बाद कुल मृतकों की संख्या में सुधार कर इनकी संख्या 4,636 बताई।

ट्रंप ने वायरस के खतरे पर धीमी प्रतिक्रिया देने के दावों पर गुस्से से पलटवार किया और बीजिंग पर वायरस के प्रभाव को कमतर बताने का आरोप लगाया। फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने भी संकट के चीनी प्रबंधन पर सवाल उठाए लेकिन चीन ने जवाब देते हुए कहा कि उसने बीमारी के बारे में कोई सूचना नहीं छिपाई।

यूरोप में प्रकोप से कुछ राहत मिलने के संकेत दिखने के बाद स्विट्जरलैंड, डेनमार्क और फिनलैंड ने इस हफ्ते स्कूल और दुकानें खोलनी शुरू कर दीं। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में 3,400 लोगों की मौत होने के बाद संक्रमण की दर में काफी हद तक कमी आई है और वहां पाबंदियों से धीरे-धीरे राहत दी जाने लगी है।

इटली के कुछ हिस्से भी लॉकडाउन के बाद उबरने के प्रयास में जुटे हैं। लेकिन जापान, ब्रिटेन और मेक्सिको ने अपने मौजूदा उपायों की अवधि और बढ़ा दी है। वैश्विक महामारी से आर्थिक नुकसान के संकेत गहरे होते जा रहे हैं जहां चीन ने कई दशकों में पहली बार सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट दर्ज की है।

अफ्रीकी देश के नेताओं और वैश्विक आर्थिक संस्थाओं ने शुक्रवार को आगाह किया कि महाद्वीप को प्रकोप से लड़ने के लिए अतिरिक्त निधि के तौर पर कई अरब डॉलर की जरूरत है। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

राष्ट्रपति पुतिन पर भड़के जेलेंस्की, रूस को लेकर कह दी बड़ी बात, अब क्या होगा Putin का रुख

Salman Khurshid : कांग्रेस नेताओं के बर्ताव से क्यों दुखी हुए सलमान खुर्शीद, कह दी चुभने वाली बात

Coronavirus Alert : पश्चिम बंगाल में कोरोनावायरस की भयानक स्थिति, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- ‘अगली कोविड महामारी’ अभी खत्म नहीं हुई

Pakistan में आने वाली है प्रलयकारी मुसीबत, IRSA के डरावने आंकड़ों से आतंकिस्तान में मचा हाहाकार

एलन मस्क के पिता अयोध्या में रामलला के दर्शन करने क्यों आए, बोलेंगे जय श्रीराम

सभी देखें

नवीनतम

​Waqf Umeed Portal : वक्फ संपत्तियों को लेकर सरकार का एक और बड़ा फैसला, 6 जून को लॉन्च करेगी पोर्टल 'उम्मीद', प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन होगा जरूरी

1 करोड़ कैश, 3.5 KG सोना, IRS ऑफिसर के ठिकानों पर CBI का सर्च ऑपरेशन

रूस ने फिर ठुकराया सीजफायर, इस्तांबुल में घंटाभर चली यूक्रेन से बातचीत की नौटंकी

Indigo विमान से पक्षी टकराया, रांची एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग, 175 यात्री सुरक्षित

MP : ​पहली बार पचमढ़ी के राजभवन में होगी मोहन सरकार की कैबिनेट, जानें क्या है इस ऐतिहासिक इमारत का इतिहास

अगला लेख