वैक्सीन की कमी पर भड़के केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा, बोले-क्या खुद को फांसी पर लटका लें?

Webdunia
गुरुवार, 13 मई 2021 (21:24 IST)
बेंगलुरु। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने गुरुवार को जानना चाहा कि क्या सरकार में बैठे लोगों को टीके के उत्पादन में नाकामी की वजह से खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए?
ALSO READ: दिल्ली में 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए Vaccine का 2-3 दिन का भंडार
गौड़ा ने यहां पत्रकारों से कहा कि अदालत ने अच्छी मंशा से कहा है कि देश में सबको टीका लगवाना चाहिए। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अगर अदालत कल कहती है कि आपको इतने (टीके) देने हैं और यह अगर न बन पाए, तो क्या हमें खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए?
ALSO READ: नहीं होगी कोरोना वैक्सीन की कमी, दिसंबर तक भारत के पास मौजूद होंगे 216 करोड़ डोज
टीके की किल्लत के सवालों पर केंद्रीय मंत्री ने सरकार की कार्रवाई योजना पर जोर दिया और कहा कि इसके निर्णय किसी भी राजनीतिक लाभ या किसी अन्य कारण से निर्देशित नहीं होते हैं। गौड़ा ने कहा कि सरकार अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करती आ रही है और उस दौरान कुछ कमियां सामने आई हैं।
 
मंत्री ने जानना चाहा कि व्यावहारिक रूप से, कुछ चीजें जो हमारे नियंत्रण से परे हैं, क्या हम उसका प्रबंधन कर सकते हैं? उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ काम कर रही है कि एक या दो दिन में चीजें सुधरें और लोगों को टीका लगे।
ALSO READ: नवजोत सिद्धू का CM अमरिंदर पर सीधा हमला, 'सहयोगियों के कंधे पर रखकर बंदूक न चलाएं, गुरु दरबार में कौन बचाएगा?'
गौड़ा के साथ मौजूद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने दावा किया कि अगर व्यवस्था समय पर नहीं की जाती तो चीज़ें बदतर हो सकती थी। रवि ने कहा कि यदि पहले से उचित व्यवस्था नहीं की गई होती तो मौतें 10 गुना या 100 गुना ज्यादा होतीं। रवि ने कहा कि लेकिन कोरोना वायरस के अकल्पनीय प्रसार के कारण हमारी तैयारी विफल रही।
 
अदालतों द्वारा कोरोनावायरस के मुद्दे पर सरकार की खिंचाई करने पर रवि ने कहा कि न्यायाधीश सब कुछ जानने वाले नहीं होते हैं। हमारे पास जो कुछ भी उपलब्ध है, उसके आधार पर तकनीकी सलाहकार समिति यह सिफारिश करेगी कि कितना (टीकों का) वितरण किया जाना है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर हम निर्णय करेंगे। 
 
कर्नाटक में कोरोना वायरस के चिंताजनक हालात हैं और रोज़ाना 40-50 हजार मामले आ रहे हैं। इसी के साथ टीके की मांग भी कई गुना बढ़ गई है। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, राज्य की ओर से तीन करोड़ टीके खरीदने के लिए ऑर्डर दिया गया और दो टीका निर्माताओं को भुगतान भी कर दिया गया। बहरहाल, केवल सात लाख खुराक ही राज्य पहुंची। कई टीकाकरण केंद्रों के सामने लोग कतारबद्ध खड़े होते हैं लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ता है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बेंगलुरु भगदड़ : क्या राज्य सरकार ने DCP की चिट्ठी को किया नजरअंदाज, भीड़ को लेकर दी थी चेतावनी

कोरोना की स्पीड से दहशत, इस साल 65 मौतें, 6000 के पार हुए केस, 24 घंटे में 6 मौतें

डिलीवरी के बाद इंदौर में Corona positive महिला की मौत, ये दूसरी मौत, अब तक मिले 38 मरीज

मणिपुर में बिगड़े हालात, सिर पर डाला पेट्रोल, 5 जिलों में इंटरनेट बंद, कर्फ्यू

सोनम के लिए सड़कों पर सहेलियां, मां-बाप ने बेटी की तस्वीर उलटी लटकाई, कहा जिंदा है सोनम

सभी देखें

नवीनतम

CM मोहन यादव के छोटे बेटे डॉ. अभिमन्यु की सगाई, जानिए कौन हैं उनकी होने वाली बहू

Bihar Assembly Elections : चिराग पासवान का ऐलान, लडूंगा विधानसभा चुनाव, जनता तय करेगी सीट

Gurjar Mahapanchayat : राजस्थान में फिर सुलगी आरक्षण की आग, महापंचायत के बाद लोगों ने रोकी ट्रेन, क्या थीं मांगें

Monsoon Update : क्या अगले 7 दिनों में देश के मौसम में होने वाला बड़ा बदलाव, IMD का अपडेट

manipur violence : CBI ने मेइती संगठन अरामबाई तेंगगोल के सदस्य हवाई अड्डे से किया गिरफ्तार

अगला लेख