वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट ने कोरोनावायरस की मार से उबरने के लिए शनिवार को 1,900 अरब डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी दे दी। इसे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके डेमोक्रेटिक सहयोगियों की जीत माना जा रहा है। बाइडन महामारी से निपटने और आर्थिक मंदी से देश को बाहर निकालने के लिए इस विधेयक को अहम बताते रहे हैं।
सीनेट में शुक्रवार रात भी संसोधन पेश हुए, जिनमें से अधिकतर संशोधन रिपब्लिकन पार्टी ने पेश किए और सभी संशोधन खारिज कर दिए गए। रात भर जागने के बाद सीनेट ने शनिवार दोपहर को विधेयक को मंजूरी दी। अब इस विधेयक को अगले सप्ताह मंजूरी के लिए प्रतिनिधि सभा भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे बाइडन के पास उनके हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा।
सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के 50-50 सदस्य हैं और किसी विधेयक के पक्ष या विपक्ष में बराबर मत पड़ने पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के पास निर्णायक वोट देने का अधिकार है। ऐसे में इस विधेयक को पारित कराना बाइडन और डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए एक अहम राजनीतिक उपलब्धि भी है। प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 10 सदस्यों की मामूली बढ़त है।
इस विधेयक को पारित करना बाइडन की सबसे बड़ी शुरुआती प्राथमिकता है। इस विधेयक के तहत पूरी अमेरिकी अर्थव्यवस्था का करीब 10वां हिस्सा कोरोना वायरस से निपटने और सुस्त अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने पर खर्च किए जाने का प्रावधान है।
बाइडन ने मतदान के बाद व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, इस देश ने बहुत देर तक बहुत कुछ सहा है और यह पैकेज इन मुश्किलों को कम करने, देश की अत्यावश्यक जरूरतों को पूरा करने और हमें बेहतर स्थिति में पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।
इस विधेयक में अधिकतर अमेरिकी नागरिकों को सीधे 1,400 डॉलर का भुगतान किए जाने और आपात बेरोजगारी लाभ दिए जाने का प्रावधान है। (भाषा)