जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) के नए मामलों और मौत की संख्या में लगातार तीसरे सप्ताह कमी आई है।
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मंगलवार देर रात महामारी पर जारी अपनी नवीनतम साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा कि सामने आए 70 लाख से अधिक नए मामलों में 1 सप्ताह पहले की तुलना में 24 प्रतिशत की कमी आई है। साप्ताहिक आधार पर दुनियाभर में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या भी 18 प्रतिशत कम हुई। इस दौरान संक्रमण से मौत के करीब 22,000 मामले आए।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि मामलों में कमी आने के साथ सावधानी भी बनाकर रखनी चाहिए क्योंकि कई देशों में जहां वायरस का प्रसार घट रहा है, उन्होंने अपनी जांच रणनीतियों को बदल दिया है, जिसका अर्थ है कि बहुत कम मामलों की पहचान हो पा रही है।
पश्चिमी प्रशांत सहित दुनिया के हर क्षेत्र में नए मामले और मौत की संख्या घट रही हैं, वहीं संक्रमण के बढ़ने से चीन के कुछ क्षेत्रों में सख्त लॉकडाउन लागू है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह ओमिक्रॉन वैरिएंट से बने कई म्यूटेंट की निगरानी कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने एक अलग बयान में कहा कि बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन के बीए.4 और बीए.5 उप स्वरूप का पता लगाया है, लेकिन अभी तक यह सुनिश्चित नहीं है कि क्या वे अधिक संक्रामक या खतरनाक हो सकते हैं।
अब तक बोत्सवाना में चार लोगों और दक्षिण अफ्रीका में 23 लोगों में ओमिक्रॉन के नए उप स्वरूप के संक्रमण का पता चला है। अफ्रीका के अलावा वैज्ञानिकों ने बेल्जियम, डेनमार्क, जर्मनी और ब्रिटेन में भी मामलों की पुष्टि की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अब तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नए उप स्वरूप मूल स्वरूप ओमिक्रॉन की तुलना में अलग तरह से फैले हैं। स्वास्थ्य एजेंसी ने देशों से कुल नमूनों के कम से कम पांच प्रतिशत का अनुक्रमण करने के लिए भी कहा है।
जल्द ही संक्रमण से अमेरिका में मौतों की संख्या 10 लाख तक पहुंच जाने की आशंका है जबकि चीन में संक्रमण को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। अधिकारियों ने आगाह किया है कि जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद शंघाई में ओमिक्रॉन के मामले अब तक चरम पर नहीं पहुंचे हैं।
चीन के शंघाई में संक्रमण रोकने के लिए इन दिनों सख्त लॉकडाउन लागू है जिसके कारण लोग अपने घरों तक सीमित हैं। सख्त पाबंदियों के कारण शंघाई के लोगों में हताशा बढ़ती जा रही है और भोजन तथा अन्य जरूरी सामानों को लेकर दिक्कतें बढ़ गई हैं।