lockdown के बाद बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने के लिए योगी आदित्यनाथ का मास्टर प्लान

अवनीश कुमार
सोमवार, 13 अप्रैल 2020 (11:32 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश में लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर योगी सरकार कभी भी घोषणा कर सकती है। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को समस्या न हो, इसको देखते हुए मास्टर प्लान तैयार किया है, साथ ही साथ बैठक में इस मास्टर प्लान को हरी झंडी भी मिल चुकी है।
 
इस मास्टर प्लान में लॉकडाउन में चरमराई आर्थिक, शैक्षिक, चिकित्सीय और सामाजिक व्यवस्था को कैसे सधे कदमों में ठीक करना है। इसकी भी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। इस मास्टर प्लान पर स्वरूप देने के लिए 15 अप्रैल से योगी सरकार की टीम काम भी शुरू कर देगी।
 
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मास्टर प्लान को सुचारु रूप से चलाने के लिए सरकार में मंत्रियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि 15 अप्रैल से वह सोशल डिस्टेंस इन को अपनाते हुए अपने अपने विभाग को संभालेंगे और कार्यालय में बैठकर आवश्यक कामों पर तेजी लाते हुए उन्हें पूरा करवाएंगे। साथ ही साथ मंत्रियों से यह भी कहा है कि जिन जिलों का प्रभार उनके पास है, उन सभी जिलों की जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेंगे।
ALSO READ: उत्तरप्रदेश में मास्क पहनना अनिवार्य, नहीं पहनने पर होगी कार्रवाई
इसी के साथ उन्होंने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे शासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर सरकारी सभी कामकाज मिक कैसे तेजी लानी है, इस पर विचार-विमर्श करते हुए काम करेंगे लेकिन इन सबके दौरान सोशल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखेंगे और सभी को मास्क लगाना अनिवार्य है।
 
कार्ययोजना के लिए बनाई कमेटियां : उत्तरप्रदेश में ठप हो चुकी व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने मास्टर प्लान के अंतर्गत एक कमेटी का भी गठन किया है और इस कमेटी में मुख्य रूप से उपमुख्यमंत्री व कुछ वरिष्ठ मंत्री कमेटी में रखे गए हैं जिनकी देखरेख में सभी कार्यों को आगे बढ़ाया जाना है।
 
इस कमेटी के अनुसार निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को दी गई है और इनकी अध्यक्षता में एक टीम गठित कर दी गई है तो वहीं शिक्षण संस्थाओं के बंद होने से छात्रों की पढ़ाई न प्रभावित हो, इसको लेकर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन हुआ है जिसका कार्य शिक्षा को पटरी पर लेकर आना है और इसके लिए कार्ययोजना तैयार करनी है।
 
वहीं राजस्व की आपूर्ति प्रदेश में निरंतर बनी रहे इसके लिए वित्तमंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन हुआ है और इस कमेटी का मुख्य कार्य राजस्व की आपूर्ति को निरंतर बना रखना है। साथ ही साथ प्रदेश के किसानों को समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए कृषिमंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में एक कमेटी गठन हुआ है। उन्हें मुख्य रूप से जिम्मेदारी दी गई है कि प्रदेश में गेहूं और अन्य रबी फसलों की कटाई ठीक से हो और किसानों को उनकी फसलों सही मूल्य मिल सके।
 
प्रदेश की मेडिकल सेवाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए मंत्री जय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन हुआ है इस कमेटी का प्रदेश की मेडिकल सेवाओं बढ़ाना है। इस बात का ख्याल रखना है कि प्रदेश की जनता को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े, तो वहीं बढ़ती गर्मी के मद्देनजर प्रदेश में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कमेटी काम करेगी।
 
कमेटी को निर्देश : मुख्यमंत्री ने कमेटी को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए हैं कि कोरोना संक्रमण से जितने भी प्रकार के बचाव कार्य हैं उन्हें सुनिश्चित करते हुए ही कामों को आगे बढ़ाया जाए। इसके लिए सभी लोग मास्क का इस्तेमाल करेंगे, सोशल डिस्टेंस बनाए रखेंगे और समय-समय पर हाथों को साफ करते रहेंगे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश, CM योगी ने उपद्रवियों को दी चेतावनी

समुद्र में आग का गोला बना जहाज, 300 से ज्यादा यात्री थे सवार, रोंगटे खड़े कर देगा VIDEO

महंगा पड़ा कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में HR मैनेजर को गले लगाना, एस्ट्रोनॉमर के CEO का इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, बिहार में SIR पर विपक्ष ने उठाए सवाल

24 कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़, IPO बाजार के लिए कैसे रहे 2025 के पहले 6 माह?

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: इस्तीफा वापस नहीं लेंगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

बुजुर्ग से 7.88 करोड़ रुपए की साइबर ठगी, इस तरह लालच में फंसी मुंबई की महिला

जगदीप धनखड़ के इस्तीफा, कौन बनेगा अगला उपराष्‍ट्रपति?

जस्टिस वर्मा इस्तीफा देंगे या संसद हटाएगी? जानिए कैसे लाया जाता है महाभियोग प्रस्ताव

उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने चौंकाया, क्या बोले जयराम रमेश?

अगला लेख