अपनी कप्तानी में वेस्टइंडीज को दो बार विश्व चैंपियन (1975 और 1979) बनाने वाले पूर्व कैरेबियाई कप्तान क्लाइव लॉयड के दिमाग में अब भी पहले क्रिकेट महासमर की खिताबी जीत की यादें ताजा हैं, जिसमें उन्होंने तूफानी शतक जड़ा था।
लॉयड ने कहा, यह पहला विश्व कप था और अब कभी पहला विश्व कप नहीं होगा तथा वेस्टइंडीज के कई समर्थकों के सामने उसे जीतना रोमांचकारी था। वर्तमान समय के बल्लेबाज अमूमन वनडे में हर गेंद पर रन बनाने का स्ट्राइक रेट चाहते हैं लेकिन लॉयड ने 1975 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में केवल 85 गेंदों पर 12 चौकों और दो छक्कों की मदद से 102 रन ठोंक दिए थे।
उन्होंने यह पारी तब खेली थी, जबकि पहले बल्लेबाजी का न्योता पाने वाले वेस्टइंडीज का स्कोर 3 विकेट पर 50 रन था। लॉयड ने यह पारी ऑस्ट्रेलिया के उस आक्रमण के सामने बनाई थी, जिसमें डेनिस लिली और जैफ थामसन जैसे घातक गेंदबाज और स्विंग गेंदबाज गैरी गिलमर शामिल थे। लॉयड ने रोहन कन्हाई के साथ 149 रन की साझेदारी की जिससे वेस्टइंडीज ने 60 ओवरों में आठ विकेट पर 291 रन बनाए जो उस समय बहुत बड़ा स्कोर माना जाता था।
लॉयड ने कहा, मैंने शतक लगाया था, मुझे याद है मैंने 102 रन बनाए थे लेकिन जब मैंने क्रीज पर कदम रखा तब हमारे तीन विकेट गिर चुके थे और हमारी हालत नाजुक थी। रोहन कन्हाई और मैंने परिस्थिति के अनुरूप बल्लेबाजी की और फिर मजबूत स्कोर बनाया।
उन्होंने कहा, हमारा इतना स्कोर था कि उसका हम आसानी से बचाव कर सकते थे और हमने ऐसा किया भी। आखिर में भले ही मुकाबला करीबी हो गया था लेकिन हमने मैच में हर समय अपना पलड़ा भारी रखा था। इस बार वेस्टइंडीज ने क्वालीफाइंग प्रतियोगिता के जरिए विश्व कप में जगह बनाई है लेकिन हाल में उसने इंग्लैंड को टेस्ट श्रृंखला में 2-1 से हराया।
लॉयड का मानना है कि कैरेबियाई टीम विश्व कप में भी कुछ उलटफेर कर सकती है विशेषकर अगर क्रिस गेल फार्म में हों। लॉयड ने कहा, मेरा मानना है कि अगर वे सही टीम का चयन करते हैं तो वह काफी मजबूत साबित हो सकती है। हमारे पास वनडे के कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं और उम्मीद है कि गेल का बल्ला धूम मचाएगा। मुझे लगता है कि वे इस टूर्नामेंट में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।