वॉशिंगटन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को भारत में क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार पर संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा की सबसे बड़ा जोखिम है कि इसका उपयोग मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद सम्बंधित गतिविधियों में आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री विश्व बैंक की एक बैठक, G-20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक और सेंट्रल बैंक गवर्नर मीटिंग (FMCBG) में भाग लेने के लिए आधिकारिक दौरे पर वाशिंगटन पंहुची। आईएमएफ की बैठक के दौरान सीतारमण ने कहा कि मुझे लगता है कि बोर्ड में उपस्थित सभी देशों के लिए आज सबसे बड़ा खतरा मनी लॉन्डरिंग और आतंक के वित्तपोषण में करेंसी का उपयोग है।
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि टेक्नोलॉजी द्वारा नियंत्रण ही इसका समाधान है। इसकी प्रणाली इतनी कुशल होना चाहिए कि हर अपराध पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। अगर, बोर्ड में उपस्थित कोई भी देश ये सोचता है की वह इस कार्य में पाना योगदान दे सकता है , तो उसे ज़रूर आगे आना चाहिए।'
निर्मला सीतारमण ने डिजिटल वर्ल्ड की ओर भारत सरकार के प्रयासों पर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत सरकार ने पिछले एक दशक में ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जिसने कोरोना महामारी के दौरान लोगों को डिजिटल सिस्टम अपनाने के लिए प्रेरित किया। अगर हम 2019 डेटा का उपयोग करें, तो भारत में डिजिटल अपनाने की दर लगभग 85% रही। लेकिन विश्व स्तर पर, यह उसी वर्ष केवल 64% रही थी। इस आधार पर मैं कह सकती हूं कि कोरोना महामारी के समय हम वास्तविक रूप से इस बात का प्रशिक्षण करने में सफल हुए की डिजिटल माध्यमों का उपयोग आसान और सुरक्षित है।'