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Asia cup 2025: भारत-पाक मैच के बाद नो-हैंडशेक विवाद से उठा सवाल, जानिए क्या मैच के दौरान हाथ मिलाना है अनिवार्य

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WD Feature Desk

, सोमवार, 15 सितम्बर 2025 (16:36 IST)
IND vs PAK Handshake Controversy: क्रिकेट का खेल न केवल जीत और हार का होता है, बल्कि यह खेल भावना, सम्मान और सद्भाव का भी प्रतीक है। हाल ही में एक भारत-पाक मैच के बाद खिलाड़ियों के बीच हाथ न मिलाने का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया। इस 'नो-हैंडशेक' विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं: क्या मैच के दौरान खिलाड़ियों का हाथ मिलाना अनिवार्य है? और इस पर आईसीसी (ICC) का नियम क्या कहता है?

क्या मैच के बाद हाथ मिलाना जरूरी है?
इस सवाल का सीधा जवाब है कि मैच के दौरान या बाद में खिलाड़ियों का हाथ मिलाना अनिवार्य नहीं है। क्रिकेट के नियमों में कहीं भी यह स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया है कि खिलाड़ियों को एक-दूसरे से हाथ मिलाना ही होगा। यह एक परंपरा है, जिसे खेल भावना और आपसी सम्मान को दर्शाने के लिए निभाया जाता रहा है। यह एक खिलाड़ी का अपने प्रतिद्वंद्वी के प्रति सम्मान और खेल के नतीजे को स्वीकार करने का तरीका है। हालांकि, यह कोई सख्त नियम नहीं है, जिसका पालन न करने पर कोई दंड दिया जाए।

आईसीसी का 'कोड ऑफ कंडक्ट' क्या कहता है?
आईसीसी ने खिलाड़ियों के लिए एक कोड ऑफ कंडक्ट (आचार संहिता) बनाया है, जिसमें खिलाड़ियों को मैदान पर कैसा व्यवहार करना चाहिए, इसके नियम शामिल हैं। इस कोड में खिलाड़ियों को हाथ मिलाने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है, लेकिन यह कई दूसरी महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख करता है।
सम्मान का महत्व: कोड ऑफ कंडक्ट में कहा गया है कि 'मैच में विरोधी टीम के खिलाड़ियों और अंपायरों का सम्मान करना चाहिए।' यह खिलाड़ियों को एक-दूसरे के प्रति सम्मानजनक व्यवहार बनाए रखने की सलाह देता है। हाथ मिलाना इसी सम्मान का एक रूप है, लेकिन यह एकमात्र तरीका नहीं है।
खेल भावना: कोड ऑफ कंडक्ट का मूल सिद्धांत यह है कि क्रिकेट को खेल की भावना से खेला जाना चाहिए। इसका मतलब है कि खिलाड़ी को मैदान पर अनुचित व्यवहार, गाली-गलौज, या किसी भी तरह के अपमानजनक कार्य से बचना चाहिए। खेल भावना का पालन करना हाथ मिलाने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।
अपशब्द और असभ्य व्यवहार: आईसीसी के नियमों में असभ्य भाषा, अपशब्द, या अपमानजनक भाव-भंगिमाओं का सख्त निषेध है। अगर कोई खिलाड़ी ऐसा करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।

नो-हैंडशेक विवाद का मतलब
भारत-पाक मैच के बाद का 'नो-हैंडशेक' विवाद नियमों से ज्यादा नैतिकता और परंपरा से जुड़ा हुआ है। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव का कहना है कि यह BCCI और टीम मैनेजमेंट का फैसला था। कुछ चीजें खेल भावना से बढ़कर होती हैं।
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