India-Pakistan War: यह बात उस समय की है जबकि अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री हुआ करते थे। उस दौरान पाकिस्तान ने अपनी सेना जम्मू-कश्मीर के लद्दाख के कारगिल में भारतीय जमीन पर भेज रखा था, जहां पर वो ऊंची ऊंची चोटियों पर कब्जा जमा कर बैठे थे। इस नापाक हरकत का हमें 4 महीने बात पता चला तो अटल बिहारी वाजपेयी ने नवाज शरीफ को फोन लगाकर पूछा- नवाज साहब, यह क्या हो रहा है? नवाज ने कहा- मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता है। अटल जी ने कहा- नवाज साब, फरवरी 1999 में लाहौर में इक्कीस तोपों की सलामी दिए जाने के बाद उनकी पीठ में छुरा घोंप दिया गया।ALSO READ: ऑपरेशन सिंदूर: स्कैल्प मिसाइल, हैमर बम और कामिकाजे ड्रोन ने मचाया पाकिस्तान में तांडव, जानिए इन मारक हथियारों की खासियत
पाकिस्तान ने दी थी परमाणु हमले की धमकी:
अटल बिहारी वाजपेयी ने तुरंत सेना को आदेश दिया और इस तरह ऑपरेशन विजय के तहत शुरू हुआ कारगिल युद्ध। भारतीय सेना ने अपने पराक्रम और शौर्य का परिचय देते हुए सभी चोटियों पर पुनः: अपना कब्जा जमा लिया। भारत ने पाकिस्तान के करीब 3 हजार से ज्यादा सैनिक मार दिए थे और भारतीय सेना ने तबाही मचा दी थी। जब इस युद्ध में पाकिस्तान की हालत खराब होने लगी तो उसने अमेरिका के सामने गुहार लगाई और कहा कि वह भारत पर इस बात के लिए दबाव बनाए कि वह युद्ध रोके और बातचीत करे। इतना ही नहीं पाकिस्तान की ओर से नवाज शरीफ ने अमेरिका को यह भी कहा था कि अगर युद्ध नहीं रुका तो पाकिस्तान, भारत पर परमाणु बम हमला भी कर सकता है।ALSO READ: ऑपरेशन सिंदूर: भारत का करारा जवाब, 24 मिसाइलों से 9 आतंकी ठिकानों को किया नष्ट, 100 से अधिक आतंकी ढेर
उस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन थे। अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अपनी आत्मकथा 'My Life' में इस बात का जिक्र किया है। अमेरिका की खुफिया एजेंसियों (CIA) को इस तरह की सूचना मिली थी कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को तैयार रखा था।
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा...तो पाकिस्तान कल का सूरज नहीं देख पाएगा:
पाकिस्तान ने अमेरिका के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की, तो वाजपेयी जी ने उस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के नाम एक गोपनीय पत्र भेजा था। वह पत्र क्लिंटन को तब मिला था, जब वे जिनेवा में थे। The Washington Post के अनुसार यह पत्र बिल क्लिंटन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सैमुअल आर सैंडी ने प्राप्त किया था। इस पत्र में भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाया तो भारत इन्हें खदेड़ेगा ही और संभव है कि पाकिस्तान कल का सूरज न देखे।
पत्र मिलने के बाद अमेरिका यह समझ गया था कि दक्षिण एशिया में बड़ी अनहोनी हो सकती है, जिसका जिक्र करते हुए बिल क्लिंटन ने अपनी आत्मकथा में लिखा है- 'I was deeply disturbed by the possibility that the conflict might escalate into a nuclear confrontation.”- Bill Clinton, My Life।
परमाणु युद्ध की स्थिति को बनते देख क्लिंटन ने पाकिस्तान से कहा कि वह घुसपैठ को तुरंत रोके और एलओसी से तुरंत हटाने को कहा था। उस वक्त भारतीय मीडिया में इस तरह की खबर भी आई थी कि बिल क्लिंटन ने आधी रात को वाजपेयी जी को फोन किया था, जिस पर उन्हें वैसा ही जवाब मिला था, जैसा कि पत्र में दिया गया था।
इस वक्त सोशल मीडिया पर यह बातें ज्यादा वायरल हो रही है कि वाजपेयी ने बिल क्लिंटन से फोन पर क्या कहा, उन्होंने कहा कि क्लिंटन साहब मैंने मान लिया है कि पाकिस्तान ने परमाणु बम छोड़ दिया और हमारे आधे लोग मारे गए लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि कोई भी पाकिस्तानी कल सुबह का सूरज नहीं देख पाएगा।