पिछले साल दिसंबर में जम्मू-कश्मीर स्थित भारतीय सैन्य कैम्प पर हमले, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुए बंधक संकट से शुरू हुआ आतंक का यह खूनी खेल पाकिस्तान के पेशावर आर्मी स्कूल में नौनिहालों के नरसंहार से अपनी हदें लांघ कर अब यूरोप को आक्रांत कर रहा है।
'आईएस' दुनिया में एक ऐसा इस्लाम चाहता है जिसे दुनिया के एक अरब 60 करोड़ मुसलमानों में से 99 प्रतिशत मानने से इनकार करते हैं।
इस्लामिक स्टेट, अल कायदा, मुस्लिम ब्रदरहुड, हमास, तालिबान, बोको हराम, अंसार अल इस्लाम, अल सैयाफ़, शहाब जैसे कट्टरपंथी, उग्रवादी, पृथकतावादी या आतंकवादी इस्लामी संगठन दुनिया के दर्जनों मुस्लिम या गैर-मुस्लिम देशों में अपनी जड़ें जमा चुके हैं। यदि इस पर भी लोकतांत्रिक देश नहीं जागे तो आतंक की इस सुनामी से सारी दुनिया का नक्शा बदलना तय है।