उम्रदराजी और स्मार्टनेस

रवि रतलामी
WD
ये माना जाता रहा है कि महिलाएँ अपनी उम्र को लेकर बहुत सतर्क रहती हैं और वो हमेशा से ये चाहती रही हैं कि उनकी उम्र 16 बसंत पार करके ठीक वहीं पर ठहर जाए। उधर पुरुष वर्ग भी अपने बाइसेप्स को 20-21 वर्ष पर या बहुत हुआ तो 25वें ग्रीष्म पर स्थिर कर देना चाहते हैं। माथे पर उम्र की लकीरें, बालों पर उम्र की सफेदी, गालों पर उम्र के गड्ढे छिपाने के लिए अरबों-खरबों जतन किए जाते रहे हैं। महिलाओं की उम्र से संबंधित ढेरों चुटकुले आपको याद होंगे तो पुरुषों के उम्र से पहले ही सठियाने के चुटकुले भी कोई कम नहीं होंगे। ये तो कहावत भी है कि किसी भद्र महिला से उसकी उम्र और भद्र पुरुष से उसकी आय नहीं पूछनी चाहिए।

पर, अब आप राहत की साँस ले सकते हैं। आप पुरुष हों या महिला, अब किसी को भी अपनी उम्र छिपाने की जरा सी भी आवश्यकता नहीं है। अब अपनी असली उम्र को बताने में किसी को भी कोई झिझक, कोई शर्म नहीं होनी चाहिए। बल्कि कुछ मायनों में, विश्वास रखिए, लोग कुछ जोड़-जाड़कर अपनी उम्र बताने लगेंगे - अपनी वास्तविक उम्र से अधिक बताने लगेंगे। आखिर, कोई भी अपने आपको डम्ब, बेवकूफ़, बुद्धिहीन कहलवाना पसंद करेगा भला ?

एक नए अध्ययन के अनुसार यह सिद्ध हो गया है कि व्यक्ति की स्मार्टनेस, उसकी बुद्धिमत्ता उसकी उम्र बढ़ने के साथ-साथ बढ़ती ही जाती है। अभी तक तो ये माना जाता रहा था कि किसी व्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ काल उसकी जवानी के दिनों में होता है - 20-30 की उम्र में, जब उसकी बुद्धि, शरीर और मस्तिष्क सबसे उर्वर होता है क्योंकि बाद में शारीरिक-बौद्धिक क्षमताएँ घटने लगती हैं। परंतु इस नए अध्ययन ने इस धारणा को उलट दिया है। डेनमार्क के अराहस विश्वविद्यालय में कोई साढ़े चार हजार व्यक्तियों पर अध्ययन किया गया।
  ये माना जाता रहा है कि महिलाएँ अपनी उम्र को लेकर बहुत सतर्क रहती हैं और वो हमेशा से ये चाहती रही हैं कि उनकी उम्र 16 बसंत पार करके ठीक वहीं पर ठहर जाए। उधर पुरुष वर्ग भी अपने बाइसेप्स को 20-21 वर्ष पर या बहुत हुआ।      


इस अध्ययन में उनके 20वें और फिर बीस साल बाद, 40वें वर्ष में उनकी स्मार्टनेस को जाँचा-परखा गया। अध्ययन में पाया गया कि 40 की उम्र में आकर व्यक्ति कहीं ज्यादा स्मार्ट हो जाता है। तो इस तरह यह साबित किया जा चुका है कि उम्र आपकी स्मार्टनेस में इजाफ़ा करती हैं और, उम्रदराज व्यक्ति ज्यादा सयाने होते हैं।

जरा कल्पना करें कि इसके निहितार्थ क्या होंगे? तमाम परिभाषाएँ बदलेंगी। अब आप जरा किसी को ये कॉम्प्लीमेंट देकर देखिए - आप आज बहुत यंग लग रहे / रही हैं। ऐसा कहकर आप अप्रत्यक्ष रूप से उसकी स्मार्टनेस को कम कर के आँक रहे होते हैं। वो यंग होगा, जवान होगा तो उसकी स्मार्टनेस जाहिर है कम होगी। वो उम्रदराज होगा तो उसकी स्मार्टनेस ज्यादा होगी, वो ज्यादा बुद्धिशाली होगा। तो अब आपको सामने वाले को दूसरे, सही तरीके से कॉम्प्लीमेंट देना सीख लेना चाहिए। अब किसी से मिलें तो कहें - आज आप जरा ज्यादा उम्रदराज लग रहे हैं। सामने वाले को खुशी होगी - उसे अपने आप पर, अपनी स्मार्टनेस पर गर्व होगा।

नई तरह के ब्यूटी पार्लर खुलेंगे। पुराने तरीकों, पुराने विश्वासों के पार्लरों की दुकानें पुरानी तकनीक की तरह कालातीत हो जाएँगी और उनमें कोई नहीं जाएगा, या फिर उन्हें अपना धंधा, अपना व्यावसायिक नजरिया बदलना पड़ेगा। उम्र के चंद बढ़े हुए सालों की लकीरें माथे पर डालने वाले एजिंग पार्लर खुलेंगे। नाई की दुकानों में बालों में सफेदी की लटें डालने वालों की लाइनें लगा करेंगी, और एंटी एजिंग क्रीम की जगह फास्ट एजिंग क्रीम का प्रचलन चल निकलेगा।

अपने ऑर्कुट प्रोफ़ाइलों को लोग अद्यतन करने लगेंगे। अब वे अपने प्रोफ़ाइल में अपने जवान, यंग दिखने वाली फोटुओं के बजाए कुछ उम्रदराज से दिखाई देने वाले फोटो लगाएँगे ताकि वे ज्यादा स्मार्ट के रुप में पहचाने जा सकें। और इस तरह से उनके हजारों-लाखों फैन-फॉलोअर्स बन सकें, क्योंकि अब लोग यंग, जवान चेहरे वाले ऑर्कुटिया पर निगाह डालना बंद कर देंगे। लोग सोचेंगे - ये तो यंग है, जवान है। इसे अभी स्मार्ट होने में अभी चंद वर्षों की देर है।

और इसीलिए तमाम लोग फ़ोटोशॉप के इफ़ेक्ट का प्रयोग कर अपने फोटो ज्यादा उम्र के बनाएँगे और ऑर्कुट पर टाँगेंगे। और कभी खुदा न खास्ता, किसी से प्रत्यक्ष भेंट हो गई तो वे अपने फोटो के बनिस्बत अपने जवान दिखने का राज - कुछ यूँ छुपाते फिरेंगे - वो क्या है न, पिछले हफ़्ते फ़्लू का प्रकोप हो गया था, थोड़ी तबीयत नासाज-सी हो गई थी, काया दुबला गई है, इसीलिए यंग लग रहा होऊँगा, परंतु मैं हूँ उम्रदराज ही। यकीन मानिए। यानी, स्मार्टनेस में कमी का कोई कारण नहीं चलेगा। कतई नहीं चलेगा। उम्र की बात हो तो बिलकुल नहीं।

कोई व्यक्ति किसी जॉब का इंटरव्यू देने जाएगा तो वह अपनी स्मार्टनेस बढ़ाने के लिए चेहरे पर थोड़ा झुर्रियाँ डलवा लेगा। भले ही उसका सर्टिफ़िकेट कुछ कहे, मगर अपने व्यक्तित्व में वो उम्र की खेंच डलवाएगा। कुछ अतिरेकी किस्म के लोग अपने सर्टिफिकेटों में अवैध तरीके से उम्र बढ़ाएँगे ताकि वे ज्यादा स्मार्ट समझे जाएँ और इस तरह इंटरव्यू में उनके चुने जाने की संभावनाएँ ज्यादा हों। प्लास्टिक सर्जनों को और सौंदर्य विशेषज्ञों को विशेष पुनश्चर्या कार्यक्रमों में भाग लेना होगा। उन्हें नए तरह की ट्रेनिंग लेनी होगी। जवान काया में उम्रदराजी के चिह्न डालने की।

कंपनियों के ह्यूमन रिसोर्स विभाग को अपनी स्ट्रेटजी बदलनी होगी। उन्हें अपनी योजना में रातों-रात सुधार करने होंगे। तभी वे बाजार की दौड़ में बने रह सकेंगे, क्योंकि फिर हर कोई ऐसा कर रहा होगा। कंपनियों के जॉब ऑफ़र्स के विज्ञापनों में चाहिए यंग, डायनैमिक, स्मार्ट की जगह अब होगा - चाहिए उम्रदराज, डायनैमिक। अब वे स्मार्ट नामक टैग को हटा ही देंगे विज्ञापनों में। उम्रदराज जो आ गया है शब्द में। उम्रदराज है तो स्मार्ट तो होगा ही। अब तक यंग के साथ वांछित स्मार्ट लगा रहना जरूरी था। उम्रदराज के साथ स्मार्टनेस फ्री में मिलेगा। अतिरिक्त, चाहे-अनचाहे।

और, अब तक तो होता था कि समान योग्यता होने पर युवाओं को चुना जाता था, अब समान योग्यता होने पर उम्रदराजों को चुना जाएगा और शायद ये भी हो सकता है कि कुछ मामलों में उम्रदराजों की कुछ योग्यताओं में कमी भी दिल से स्वीकारी जाने लगेगी - वे ज्यादा स्मार्ट जो होंगे। सेवानिवृत्ति की आयु आगे खिसकेगी तो साथ ही औसत भर्ती की उम्र भी। अब आदमी अपनी स्मार्टनेस हासिल करते-करते 40 वसंत पार कर लेगा, तब एचआर विभाग की नजरे-इनायत उस पर होगी।

तो, अगर आप लम्बी, वृहद वास्तविक स्मार्टनेस चाहते हैं तो जल्दी ही बूढ़ा होना शुरू कर दें। आज, अभी से!

व्यंज़ल

नज़र बदली है तो वो है उम्र का तकाजा,
कोई बदल सका है भला उम्र का तकाजा।

उसे मेरी बेवफ़ाई नहीं कहना मेरे सनम,
लोग कहते हैं फकत है उम्र का तकाजा।

तेरे सिजदे में मेरा सर अब झुकता नहीं,
क्या कोई बीमारी है या उम्र का तकाजा।

क्रांति की बातें अब समझ में नहीं आतीं,
यारों मान भी जाओ ये उम्र का तकाजा।

देखो मानने लगा है स्वयं को स्मार्ट रवि,
इस सोच के पीछे है बस उम्र का तकाजा।
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