दिल्ली में कांग्रेसी दिग्गज चुनावी परिदृश्य से दूर हुए

Webdunia
-विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव अजय माकन को दिल्ली चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख और अघोषित तौर पर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद दिल्ली के कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी सतह पर आ गई है।


जाहिर है कि दिल्ली में पिछले तेरह महीनों के भीतर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार से रूबरू हो चुकने के बावजूद राजधानी के कांग्रेसी नेताओं ने कोई सबक नहीं सीखा है। अपनी पार्टी के प्रति जनता में अभी भी व्याप्त नाराजगी से बेपरवाह इन नेताओं की यह आपसी सिरफुटौवल और निष्क्रियता बता रही है कि इस विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं होने जा रहा है।  

दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे अजय माकन को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। जाहिर है विधानसभा चुनाव में माकन को पार्टी का चेहरा बनाने का फैसला भी राहुल गांधी का ही रहा है। लेकिन उनके इस फैसले से दिल्ली में पार्टी के दूसरे तमाम नेता चुनाव मैदान में अप्रासंगिक हो गए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्वी दिल्ली से दो बार सांसद रहे उनके बेटे संदीप दीक्षित के अलावा दिल्ली के अन्य पूर्व सांसदों कपिल सिब्बल, जयप्रकाश अग्रवाल, सज्जन कुमार, रमेश कुमार, जगदीश टाइटलर समेत कई नेताओं को चुनावी जिम्मेदारियों से दूर रखा गया है।
अरविन्दर लवली ने भी इसलिए खींच लिए हाथ... पढ़ें अगले पेज पर.....

माकन को पार्टी का चेहरा बनाए जाने से पहले बतौर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपने को पार्टी का चेहरा मान रहे अरविंदर सिंह लवली को भी कांग्रेस उपाध्यक्ष का माकन को आगे करने का फैसला रास नहीं आया है और उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। लवली को एक साल पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी और वे तब से ही अपनी सक्रियता से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में नए सिरे से जान फूंकने में लगे हुए थे।

पार्टी की अंदरूदी कलह और चुनाव अभियान से वरिष्ठ नेताओं के दूरी बना लेने की वजह से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का मुख्यालय चुनावी मौसम में भी महत्वहीन हो गया है। अजय माकन और दिल्ली के कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको की जोड़ी के अलावा दिल्ली के सारे दिग्गज किनारे हो गए हैं।

अजय माकन चुनाव अभियान संबंधी सारा कामकाज 24 अकबर रोड स्थित पार्टी के केंद्रीय मुख्यालय से चला रहे हैं। शीला दीक्षित के दिल्ली चुनाव से दूर रहने को लेकर माकन ने पिछले दिनों कहा था कि उनका राजनीति सूर्य अस्त हो चुका है। मगर पार्टी की चुनावी गतिविधियों से उनके बेटे संदीप दीक्षित भी बाहर हो गए है।

दिल्ली में पार्टी के लगभग सभी उम्मीदवार अपने दम पर ही चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। कई उम्मीदवारों ने अपने को पार्टी की ओर से कोई मदद न मिलने की शिकायत भी कांग्रेस मुख्यालय में की है। पार्टी के कई नेता मानते हैं कि सिर्फ एक नेता को ही आगे रखना और दूसरों को भुला देना पार्टी की चुनावी संभावनाओं के लिए नुकसानदेह साबित होगा।
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