केजरीवाल और किरण बेदी के बीच वाकयुद्ध हुआ तेज

Webdunia
नई दिल्ली। आप नेता अरविन्द केजरीवाल ने मंगलवार को भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी को सार्वजनिक बहस करने की चुनौती दी, लेकिन पूर्व आईपीएस अधिकारी ने इसे 'ड्रामा' बताते हुए कहा कि वे उनसे सदन में बहस करेंगीं।
बेदी के जवाब के बाद 'आप' ने उन पर आरोप लगाया कि वे केजरीवाल का सामना करने से घबरा रही हैं। केजरीवाल ने आज पूर्वी दिल्ली के कृष्णानगर विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा भी की, जहां से बेदी चुनाव लड़ रही हैं।

इसके पहले केजरीवाल ने अपना रोडशो शुरू करते हुए कहा, लोकतंत्र के लिए यह अच्छी पहल होगी अगर हमारे बीच विभिन्न मुद्दों पर बहस होती है। लोग धर्म और जाति के नाम पर मत देते हैं। वे मुद्दों से अवगत नहीं होते हैं। करीब एक-दो घंटे की बहस ठोस मुद्दों पर होनी चाहिए। 
 
बेदी ने प्रत्युत्तर में कहा, वे ड्रामा कर रहे हैं, जबकि मैं काम पर ध्यान दे रही हूं। उन्होंने कहा, मैं चुनौती स्वीकार करती हूं। मैं विधानसभा में ऐसा करूंगी और उसके पहले मैं बहस के बदले काम पर ध्यान दे रही हूं...। वे सिर्फ बहस कर रहे हैं जबकि मेरा ध्यान सेवा करने पर है। इस बीच केजरीवाल ने अपना नामांकन कल तक के लिए स्थगित कर दिया।
 
वाकयुद्ध जारी रहने के बीच केजरीवाल ने बेदी के जवाब का उपहास किया और कहा कि लोग चुनाव के बाद नहीं बल्कि अपना वोट डालने के पहले जानना चाहते हैं कि राजनीतिक पार्टियां किस प्रकार उनसे जुड़े मुद्दों से निपटेंगीं।
 
उन्होंने कहा, लोग जानना चाहते हैं कि क्या भाजपा बिजली और पानी की दरों में कमी करेगी और यह किस प्रकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी लाएगी, वह किस प्रकार रिश्वत और भ्रष्टाचार को समाप्त करेगी।
 
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भाजपा के राज्य कार्यालय पर हुए प्रदर्शन को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि आप जहां आशा की किरण है वहीं भाजपा में कलह कम होने के कोई संकेत नहीं हैं। 
 
केजरीवाल ने कहा, भाजपा ने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड में जीत हासिल की लेकिन दिल्ली आकर ठिठक गई। एक ओर आप आशा की किरण है, दूसरी ओर हमें खबर मिली कि भाजपा कार्यालय के बाहर कार्यकर्ता टिकट बंटवारे को लेकर झगड़ा कर रहे हैं। 
 
केजरीवाल ने अपनी विवादित टिप्पणी भी दोहराई कि कांग्रेस और भाजपा से मिल रहे पैसे मतदाता स्वीकार कर लें। उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर चुनाव आयोग ने आज ही कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
 
उन्होंने कहा, अगर मैं लोगों से कहता कि वे पैसे स्वीकार कर लें और उन पार्टियों के लिए वोट करें तो वे काफी खुश हो जातीं। उनकी समस्या इस तथ्य में है कि मैं कह रहा हूं कि सभी पार्टियों से पैसे स्वीकार कर लें लेकिन वोट आप को दें दिलचस्प है कि आप नेता की सभा के पहले बेदी ने भी उस क्षेत्र में एक रैली की। (भाषा)  
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