सोनिया गांधी के सत्ता सुख में शनि बन रहा है बाधक

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के शहर ट्यूरिन में कर्क लग्न मिथुन राशि में हुआ। राशि स्वामी बुध केतु व सूर्य के साथ होने और पंचम भाव में वृश्चिक राशि पर होने से दिमाग का इस्तेमाल कर सोनिया गांधी राजसुख हासिल किया।

इसका कारण लग्नस्थ शनि का दशम भाव, जो राजनीति का कारक माना गया है, उस पर शनि की नीच दृष्टि पड़ रही है और यही कारण है कि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष होने के बाद भी कांग्रेस को बहुमत नहीं दिला पाईं। उनके हाथों से जनाधार खिसकता ही जा रहा।

अब दिल्ली के चुनाव हो रहे हैं। उसमें सोनिया गांधी ने अजय माकन को दिल्ली की कमान सौंपी है, लेकिन वे भी कांग्रेस को उबार पाने में समर्थ नहीं हैं। उनके जन्म के समय शनि, मंगल साथ होकर बैठे हैं, जो ठीक नहीं।

पत्रिका में भी मंगल की अष्टम दृष्टि लग्नस्थ शनि पर पड़ने से अशुभ परिणाम ही दे रहा है, वहीं कांग्रेस का चुनाव चिह्न पंजा भी त्रुटिपूर्ण है। इन सबकी स्थिति देखी जाए तो कांग्रेस को एक चमत्कारी चेहरे की दरकार होगी तभी जाकर कांग्रेस का उद्धार होगा।

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