दिल्ली दंगल में मोदी बनाम केजरीवाल की सियासी जंग, 'नाम’ पर भारी पड़ेगा 'काम' ?

विकास सिंह
मंगलवार, 7 जनवरी 2020 (12:00 IST)
दिल्ली के दंगल का शंखनाद हो चुका है। चुनाव आयोग ने दिल्ली में एक ही चरण में 8 फरवरी को चुनाव कराने का एलान कर दिया है। तारीखों के एलान के साथ ही कड़ाके की ठंड में दिल्ली का सियासी पारा चढ़ने लगा है। चुनाव से पहले आ रहे ओपिनियन पोल में एक बार फिर केजरीवाल सरकार के रिटर्न होने के अनुमान लगाया जा रहा है। ओपनियिन पोल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चेहरा अन्य सभी दावेदारों पर भारी पड़ता दिख रहा है। 
 
दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर टिकी है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि दिल्ली के चुनावी दंगल में स्थानीय मुद्दों का जोर चलेगा या राष्ट्रीय मुद्दें बाजी मारेंगे। विधानसभा चुनाव से 10 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा ने सभी 7 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करके आम आदमी पार्टी को करारा झटका  दिया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने इसी प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश में है तो वहीं आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चेहरे और सरकार के किए हुए काम को अपनी जीत के लिए सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड मान रही है। तारीखों के एलान के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने सरकार के कामकाज को गिनाते हुए भाजपा को पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल के सामने अपना चेहरा पेश करने की चुनौती दे डाली। 
राजनीति के जानकार कहते हैं कि दिल्ली में 2015 में रिकॉर्ड बहुमत के साथ सत्ता में आई केजरीवाल सरकार ने बिजली, पानी मुफ्त देने का जो दांव चला वह अब चुनावी सीजन में विरोधियों पर भारी पड़ता दिख रहा है। इसके साथ ही केजरीवाल सरकार ने हेल्थ सेक्टर में किए गए सफल प्रयोग मोहल्ला क्लीनिक और दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के सुधार के लिए जो नए प्रयोग हुए वह अब चुनाव में केजरीवाल सरकार के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते है। विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले आप सरकार ने युवा वोट बैंक को लुभाने फ्री में इंटरनेट और महिलाओं को लेकर जो बड़ी घोषणाएं की उसने भाजपा सहित पूरे विपक्ष को बैकफुट पर ढकेल दिया है। 
 
मोदी मैजिक के भरोसे भाजपा – वहीं दूसरी ओर भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों को विधानसभा चुनाव में गर्मा कर आप को चुनौती देने की तैयारी में दिखाई दे रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार का शंखनाद करते हुए पीएम मोदी ने रामलीला मैदान में अपनी रैली में जिस तरह विपक्षी पार्टियों पर अपनी सरकार को लेकर हमले किए उससे साफ हो गया है कि भाजपा पूरी तरह पीएम मोदी के चेहरे के भरोसे ही चुनावी नैय्या पार लगाने की तैयारी में जुटी है। विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने डोर टू डोर CAA के सर्मथन में जागरुकता कैंपेन चला कर साफ कर दिया है कि भाजपा मोदी 2.0 सरकार के कामकाज को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएगी। 
इसके साथ ही मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर फंसी भाजपा चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखकर पूरी लड़ाई मोदी बनाम केजरीवाल पर लाने की तैयारी में दिखाई दे रही है। चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियो को नियमितीकरण का जो दांव चला उसको इसी रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

Naxal Encounter: कौन था बेहद खौफनाक नक्‍सली बसवराजू जिस पर था डेढ़ करोड़ का इनाम?

ज्‍योति मल्‍होत्रा ने व्‍हाट्सऐप चैट में हसन अली से कही दिल की बात- कहा, पाकिस्‍तान में मेरी शादी करा दो प्‍लीज

भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद

गुजरात में शेरों की संख्या बढ़ी, खुश हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

सभी देखें

नवीनतम

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्‍तान हुआ बर्बाद, एयरबेस से लेकर सुपरसोनिक विमानों तक, ऐसे हुआ 1.12 अरब डॉलर का नुकसान

Share Bazaar : बिकवाली के दबाव में Sensex 645 अंक फिसला, Nifty में भी रही 204 अंकों की गिरावट

J&K: किश्तवाड़ में 2 आतंकी ढेर, 2 के साथ मुठभेड़ जारी, 1 जवान भी शहीद

Moody's Ratings का अनुमान, भारत अगले दशक की तेल मांग में चीन को छोड़ देगा पीछे

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने जापान और यूएई में दी Operation sindoor के बारे में जानकारी

अगला लेख