आसान नहीं है यातायात मंत्री गोस्वामी की राह

Webdunia
गुरुवार, 28 नवंबर 2013 (16:22 IST)
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नई दिल्ली। सत्ता-विरोधी मजबूत लहर, कांग्रेस में आपसी कलह के अलावा बंद नालियों, टूटी सड़कों, दूषित जल आपूर्ति एवं अनियोजित विकास जैसी आम समस्याओं की वजह से यातायात मंत्री रमाकांत गोस्वामी के लिए अपनी राजेंद्र नगर की सीट बचाना काफी मुश्किल हो सकता है।

राजेंद्र नगर मुख्य रूप से पंजाबी शरणार्थियों का निवास स्थान रहा है और वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले तक यहां भाजपा की मजबूत पकड़ थी। इस बार भाजपा ने आर पी सिंह को गोस्वामी के खिलाफ मजबूत दावेदार मानते हुए मैदान में उतारा है।

गोस्वामी से पहले इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भाजपा के पूरन चंद योगी ने किया था। वे 1993 से इस क्षेत्र के प्रतिनिधि थे और पिछले चुनावों में भी उनके जीतने की संभावना थी। उन्होंने चुनाव से एक माह पहले कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद उनकी पत्नी आशा को मैदान में उतारा गया था।

पहले पटेल नगर का प्रतिनिधित्व कर चुके गोस्वामी को यहां के निवासियों से कोई बहुत प्रभावशाली प्रतिक्रिया नहीं मिली है क्योंकि निवासियों का एक वर्ग सोचता है कि उन्होंने इलाके की ‘गंभीर समस्याओं’ से निपटने के लिए अपने चार साल के पहले कार्यकाल में कुछ भी नहीं किया है।

कांग्रेस के एक बड़े वर्ग ने गोस्वामी को टिकट देने का कड़ा विरोध भी किया था। उन्होंने एक आंतरिक रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि यदि गोस्वामी को प्रत्यााशी के रूप में चुना जाता है तो पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ेगा। गंदे पानी की निकासी और नालियों की समस्या अभी भी इस इलाके के लोगों की बड़ी चिंता बनी हुई है। इस इलाके का विस्तार उपर की ओर हुआ है लेकिन निवासियों की शिकायत है कि जल निकासी की क्षमता पहले जितनी ही है।

एक निवासी ने पहचान गुप्त रखने की इच्छा जताते हुए कहा कि सीवर लाइनें बदली जानी चाहिए। अधिकतर सीवरों को नियमित रूप से साफ नहीं किया जाता, जिसकी वजह से नालियां जाम होकर भर जाती हैं। उसने कहा कि विधायक कभी-कभी कहते हैं कि यह उनका काम नहीं है नगरनिगम का है। लेकिन नगर निगम भी इसे बदलने से मना करता है और इसके लिए पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदार बताता है। ऐसा कोई नहीं है जिसके पास हम जा सकें। कई निवासियों ने कहा कि गोस्वामी ने सिर्फ पिछले एक साल में ही विकास कार्य शुरू करवाए हैं। वह भी शायद आगामी चुनाव को देखते हुए।

एक अन्य निवासी ने कहा कि सिर्फ पिछले एक साल में काम करने की बजाय उसे पिछले पांच सालों में काम करना चाहिए था। लोग गोस्वामी पर यह आरोप भी लगाते हैं कि उन्होंने इस इलाके के कल्याण के लिए विधयाक फंड का सही उपयोग नहीं किया।

इलाके के आर ब्लॉक के महासचिव डी एम नारंग ने कहा कि विधायक का दावा है कि उन्होंने 62 बोरवैल बनवाए हैं लेकिन किसी ने उनसे यह नहीं पूछा है कि इनमें से काम कितने कर रहे हैं? कुछ निवासियों का यह भी कहना है कि गोस्वामी की लोकप्रियता गिरने का मुख्य कारण उनका कथित कठोर व्यवहार है।

राजेंद्रनगर वेल्फेयर असोसिएशन के महासचिव एस पी गुप्ता ने कहा कि उनके पास सब नहीं जा सकते। बहुत से लोग तो उनके खराब व्यवहार के कारण उनके पास जाने से बचते हैं।

आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर विजेंद्र गर्ग को उतारा है। भाजपा के सिंह और गर्ग समर्थन जुटाने के लिए घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। सिंह ने निवासियों की सभी बड़ी समस्याओं को सुलझाने का वादा किया है और वे इस क्षेत्र के लिए घोषणा पत्र लाने की योजना बना रहे हैं।

राजेंद्र नगर में कुल मतदाताओं की संख्या 1.60 लाख है। इनमें से 92 हजार पुरूष और 69 हजार महिलाएं हैं। 4,712 लोग पहली बार मतदान कर रहे हैं। (भाषा)

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