दरअसल, जैसे ही राहुल गांधी ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया लोगों ने वहां से जाना शुरू कर दिया। कुछ लोग बीच खड़े भी हो गए। यह सब देखकर राहुल ने मात्र साढ़े छह मिनट में ही अपना भाषण समाप्त कर दिया। श्रोताओं के इस तरह उठकर जाने से राहुल के चेहरे पर नाराजी साफ झलक रही थी। हालांकि उन्होंने अपने नाराजी का किसी से इजहार नहीं किया। लगभग यही हश्र मंगोलपुरी की रैली में भी हुआ था।
प्लीज रुक जाइए, लेकिन.... पढ़ें अगले पेज पर....
लोगों के इस रुख ने दिल्ली में चौथे कार्यकाल की तैयारी कर रहीं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी परेशान कर दिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि रुक जाइए 10 मिनट, राहुल गांधी को सुनकर जाइए।
... लेकिन लोगों पर शीला की अपील का कोई असर नहीं हुआ और लोगों का वहां से जाना जारी रहा। इससे पहले शीला ने कहा कि भाजपा सब्जियों के दाम बढ़ा-चढ़ाकर बता रही है।
प्याज के दाम 40 से 50 रुपए किलो के आसपास आ चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए क्या कर रही हैं।
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राहुल गांधी की सभाओं से दर्शकों की बेरुखी ने दिल्ली विधानसभा के कांग्रेस उम्मीदवार को चिंता में डाल दिया है। पता चला है कि अब प्रत्याशी नहीं चाहते कि राहुल समेत कोई भी बड़ा नेता उनके इलाके में सभा करे।
दरअसल, इसके पीछे पार्टी प्रत्याशियों का मानना है कि लोगों की कम संख्या के चलते मोदी और राहुल की रैलियों की तुलना हो सकती है और इसका मतदाता पर गलत असर पड़ सकता है। अत: वे चाहते हैं कि बड़े नेता उनके क्षेत्र में सभाएं न करें।