दिवाली पर पांच दिनों तक ऐसे करें पूजन

Webdunia
दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला महापर्व है। धन तेरस से शुरू होकर यह त्योहार नरक चतुर्दशी, मुख्य पर्व दीपावली, गोवर्धन पूजा से होते हुए भाई दूज पर समाप्त होता है। इन पांच दिनों में अलग-अलग कथानुसार देवी देवताओं का पूजन कर परंपरा का निर्वाह किया जाता है। जानिए इस पांच दिवसीय पर्व पर पांच दिनों का महत्व और पूजन विधि‍ - 
 

 
1 धन त्रयोदशी - पांच दिवसीय दीपावली पर्व का आरंभ धन त्रयोदशी से होता है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। समुद्र मंथन के समय इसी दिन धनवंतरी सभी रोगों के लिए औषधि कलश में लेकर प्रकट हुए थे। अतः इस दिन भगवान धनवंतरी का पूजन श्रद्धापूर्वक करना चाहिए जिससे दीर्घ जीवन एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है। 

धनतेरस के दिन अपनी शक्ति अनुसार बर्तन क्रय करके घर लाना चाहिए एवं उसका पूजन करके प्रथम उपयोग भगवान के लिए करने से धन-धान्य की कमी वर्ष पर्यन्त नहीं रहती। इस दिन सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर यमराज के निमित्त एक अन्न से भरे पात्र में दक्षिण मुख करके दीपक रखने एवं उसका पूजन व प्रज्जवलन कर यमराज से प्रार्थना करने पर असामयिक मृत्यु से बचा जा सकता है। 
 
2 नरक चतुर्दशी - दीपोत्सव का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी अथवा रूप चौदस होता है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल लगाकर स्नान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है, कि इस दिन सूर्योदय के पश्चात स्नान करने वाले मनुष्य के वर्षभर के शुभ कार्य नष्ट हो जाते हैं। एवं इस दिन स्नान के पश्चात दक्षिण मुख करके यमराज से प्रार्थना करने पर व्यक्ति के वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन सायंकाल देवताओं का पूजन करके घर, बाहर, सड़क आदि प्रत्येक स्थान पर दीपक जलाकर रखना चाहिए।

 लक्ष्मी पूजन - पांच दिवसीय इस पर्व का प्रमुख दिन लक्ष्मी पूजन अथवा दीपावली होता है। इस दिन रात्रि को जागरण करके धन की देवी लक्ष्मी माता का पूजन विधिपूर्वक करना चाहिए एवं घर के प्रत्येक स्थान को स्वच्छ करके वहां दीपक लगाना चाहिए जिससे घर में लक्ष्मी का वास एवं दरिद्रता का नाश होता है।



इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश तथा द्रव्य, आभूषण आदि का पूजन करके 13 अथवा 26 दीपकों के मध्य एक तेल का दीपक रखकर उसकी चारों बातियों को प्रज्जवलित करना चाहिए एवं दीपमालिका का पूजन करके उन दीपों को घर में प्रत्येक स्थान पर रखें एवं चार बातियों वाला दीपक रातभर जलता रहे ऐसा प्रयास करें।

 गोवर्धन पूजा -  कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट उत्सव मनाना जाता है। इस दिन प्रातः जल्दी उठकर घर के द्वार पर गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे पेड़ की शाखों एवं फूलों से सजाकर उसका एवं गायों का पूजन करना चाहिए।


इस दिन मंदिरों में भगवान को छप्पन प्रकार का भोग लगाकर उसे प्रसाद रूप में वितरित करना चाहिए।

5 यम द्वितीया या भाईदूज - कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाईदूज या यम द्वितीया का पर्व मनाया जाता है। इस दिन यमराज की पूजा की जाती है। भाईदूज के दिन बहनों को अपने भाइयों को आसन पर बैठाकर तिलक लगाकर आरती उतारनी चाहिए एवं  उसे विभिन्न प्रकार के व्यंजन अपने हाथ से बनाकर खिलाना चाहिए।


भाई को अपनी शक्ति अनुसार बहन को वस्त्र, स्वर्ण आदि देकर आशीर्वाद लेना चाहिए। इस दिन भाई का अपनी बहन के घर भोजन करने से उसे धन, यश, आयुष्य, धर्म, अर्थ एवं सुख की प्राप्ति होती है।
Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

20 मई 2024 : आपका जन्मदिन

20 मई 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Forecast 2024 : साप्ताहिक भविष्‍यफल में जानें 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा नया सप्ताह

Weekly Calendar 2024 : नए सप्ताह के सर्वश्रेष्‍ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग मई 2024 में

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे शुभ समाचार और होगा धनलाभ, जानें 19 मई का राशिफल